अल्मोड़ा: 10वें स्थापना दिवस पर ‘वंचित स्वर’ का डिजिटल युग में प्रवेश, स्थापना दिवस मनाया और बेवसाइट लांच
अल्मोड़ा। पिछले नौ सालों से समाज की मुख्य धारा से वंचित लोगों की आवाज बनकर उभरे ‘वंचित स्वर’ ने अब डिजिटल युग में प्रवेश कर लिया। एडवोकेट प्रमोद कुमार के संपाकदत्व में साप्ताहिक समाचार पत्र ‘वंचित स्वर’ ने सफलतापूर्वक अपनी स्थापना के बाद इस बार 10 वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। सोमवार को यहां समाचार पत्र की वेबसाइट लांच हो चुकी है।
साप्ताहिक समाचार पत्र ‘वंचित स्वर’ के दसवें स्थापना दिवस का कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यहां लिंक रोड स्थित पे्ररणा सदन में हुआ। इस मौके पर समाचार पत्र के संपादक एडवोकेट प्रमोद कुमार ने नौ सालों के सफर का वृतांत प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विषम परिस्थितियों व आर्थिक संकट में भी इस पत्र ने सहयोगी लोगों के सहयोग से जनसरोकारों को उठाने का काम जारी रखा है। समय की मांग, जरूरत व परिस्थितियों के मद्देनजर समाचार पत्र ‘वंचित स्वर’ अपने 10वें स्थापना दिवस पर डिजिटल युग में प्रवेश कर गया। स्थापना दिवस कार्यक्रम में इस समाचार पत्र की वेबसाइट लांच की गई।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि समाज की मुख्यधारा से वंचित रहे लोगों की अभिव्यक्ति को जन सामान्य व सरकारों तक पहंुचाने के लिए ‘वंचित स्वर’ साप्ताहिक की स्थापना हुई और पत्र ने इस लक्ष्य पर खरा उतरने का भरसक प्रयत्न किया है। इसमें सहयोग करने वाले सभी गणमान्य लोगों का आभार भी जताया गया। इस बीच अख़बार के विशेषांक का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम को महेश लाल, महेश चंद्र आर्य, प्रेम राम आर्या, लल्लू लाल, पंकज टम्टा, प्रकाश चंद्र बौद्ध, दिनेश राज, नरेश चंद्र, अरविंद कुमार आदि ने भी संबोधित किया। संचालन प्रकाश चंद्र आर्य ने किया। इस अवसर पर हरीश लाल, दीप चंद्र आगरी, ललिता प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, विद्या रत्न, राजेंद्र कुमार टम्टा, प्रकाश आगरी, गिरीश चंद्र, राकेश कुमार, गौरव टम्टा, मदन आर्या, कुलदीप आर्या, अनिल आगरी, गोविंद राम, इंद्र कुमार आर्या, कुबेर राम आदि ने विचार रखे।