रानीखेत: बेरोजगारी के दौर में मुर्गी पालन व्यवसाय पकड़ रहा जोर

रानीखेत। कोरोना महामारी के कारण बेरोजगार हुए लोग अब अपना नया स्वरोजगार की तरफ उन्मुख होने लगे हैं। कुछ लोग मुर्गी पालन को व्यवसाय के…

रानीखेत। कोरोना महामारी के कारण बेरोजगार हुए लोग अब अपना नया स्वरोजगार की तरफ उन्मुख होने लगे हैं। कुछ लोग मुर्गी पालन को व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं। द्वाराहाट ब्लाक के कुवाली व हवालबाग ब्लाक के गोविन्दपुर क्षेत्र में अधिकतर परिवारों ने छोटे स्तर से यह काम आरम्भ किया है। गत दिनों रानीखेत की लोक चेतना मंच नामक संस्था ने न्यूट्रिशन इन माउंटेन एग्रो इको सिस्टम कार्यक्रम के तहत स्थानीय लोगों को मुर्गी के चूजों का निःशुल्क विवरण किया। इनमें से अधिकतर चूजे बड़े होकर अण्डे देने लगे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्र में ग्रामीणों को घरेलू मुर्गियों के ताजा गुणवत्ता युक्त अण्डे और मांस उपलब्ध करवाकर उनकी कुपोषण की समस्या को दूर करना है। वहीं ग्राम दिगोटी, मुझोली, गलली, चिनौना, नकुटा, पागसा आदि गांवों में चूजों का विवरण किया गया। मुझोली निवासी पान सिंह परिहार ने पूर्व से ही मुर्गी पालन को मुख्य व्यावसाय के रूप में अपनाया है। वह संस्था के साथ ही स्थानीय लोगों को भी निर्धारित दरों पर चूजे बेच रहे हैं। इस बीच वहां के तमाम अन्य गांवों में भी लोग मुर्गी पालन से जुड़ रहे हैं। पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के अलावा कई लोग अण्डे और मुर्गियां बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं।

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