Fact Check : क्या रातों-रात शिफ्ट हो गईं संग्रहालय की ऐतिहासिक धरोहरें !

📌 जानिए, क्या है पूरा मामला Historical Heritage of Pandit Govind Ballabh Pant Museum Almora सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। Fact Check : यहां माल रोड स्थित…

Fact Check : तो क्या रातों-रात अल्मोड़ा से शिफ्ट हो गईं संग्रहालय की ऐतिहासिक धरोहरें !

📌 जानिए, क्या है पूरा मामला

Historical Heritage of Pandit Govind Ballabh Pant Museum Almora

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। Fact Check : यहां माल रोड स्थित पं. गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय की ऐतिहासिक धरोहरों को रातों-रात देहरादून शिफ्ट किए जाने की चर्चा जोरों पर है। इस मुद्दे पर आक्रोश की लहर है। जन अधिकार मंच ने इस पर सख्त आपत्ति दर्ज करते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं, संबंधित अधिकारी ने तमाम आरोपों को निराधारा बताया है। साथ ही धरोहरों को शिफ्ट किए जाने की वजह स्पष्ट की है।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा की माल रोड में राजकीय संग्रहालय है। जहां कत्यूर, चंद, गोरखा व ब्रिटिश काली कई ऐतिहासिक धरोहर रखी गई हैं। इस बीच खबर बहुत तेजी से फैली कि इन धरोहरों को गुपचुप तरीके से रातों-रात देहरादून स्थित प्रदेश संग्रहालय में भेज दिया गया है।

इस मामले में जन अधिकार मंच ने सख्त आपत्ति दर्ज की है। मंच के संयोजक त्रिलोचन जोशी ने जारी बयान में कहा कि शासन-प्रशासन ने अल्मोड़ा मालरोड स्थित भारतरत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर स्थित संग्रहालय से बेशकीमती और दुर्लभ धरोहरों व अभिलेखों सहित 3000 के लगभग महत्वपूर्ण कलाकृतियों को रातों-रात देहरादून भेज दिया है। कहा कि यह ऐतिहासिक संग्रहालय को खत्म करने का बड़ा षड्यंत्र किया है। नगर पालिका परिषद कार्यालय से सटे संग्रहालय से दुर्लभ अभिलेखों को बिना किसी को बताये ले जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी मुख्यमंत्री घोषणा में उक्त संग्रहालय को नव निर्मित मल्ला महल में स्थानांतरित करने की घोषणा की थी।

श्री जोशी ने कहा कि उक्त संग्रहालय में अल्मोड़ा जनपद के लगभग 500 साल के दुर्लभ इतिहास सहित मुगलकाल से लेकर कत्यूर, चंद वंश सहित स्वतंत्रता संग्राम के भी बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। जिनको देखने के लिए पर्यटक सहित शोध के छात्र-छात्राओं को भी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी मिलती थी। उन्होंने अल्मोड़ा की बड़ी विरासत संग्रहालय को समाप्त करने के षड्यंत्र को अल्मोड़ा की जनता के हितों के प्रति बड़ा कुठाराघात बताया। वहीं, मंच के वरिष्ठ परामर्शदाता मनोज सनवाल ने भी इस पर आपत्ति दर्ज की है। कहा मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

स्थायी रूप से नहीं महज चंद दिनों के लिए शिफ्ट की हैं कलाकृतियां : चौहान

राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा के प्रभारी निदेशक डा. चंद्र सिंह चौहान ने इस संबंध में बातचीत पर बताया कि संग्रहालय की कलाकृतियों को कुछ दिनों के लिए राज्य स्तरीय संग्रहालय देहरादून में रखा गया है, ताकि अधिकाधिक लोग उन्हें देख सकें और इनसे परिचित हो सकें। उन्होंने कहा कि इन्हें स्थाई रुप से देहरादून रखने या शिफ्ट करने जैसा कोई कदम नहीं उठा है, बल्कि चंद दिनों में यह कलाकृतियां वापस राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा में वापस आ जाएंगी।

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