Uttarakhand : डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने दी मंत्री आवासों के घेराव की चेतावनी, बन्द निदेशालय परिसर में भी दिन-रात का धरना

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून नियुक्ति की मांग को लेकर डायट डीएलएड संघ का धरना—प्रदर्शन जारी है। एक कदम आगे बढ़ते हुए संघ ने धरने को दिन—रात…

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून

नियुक्ति की मांग को लेकर डायट डीएलएड संघ का धरना—प्रदर्शन जारी है। एक कदम आगे बढ़ते हुए संघ ने धरने को दिन—रात क्रमिक अनशन में परिवर्तित कर दिया है। प्रशिक्षितों ने मांग नही माने जाने पर मंत्री आवासों के घेराव की चेतावनी भी दी है।

विगत 19 माह से नियुक्ति की आस में धरने पर बैठे डायट डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षितों का धरना—प्रदर्शन और क्रमिक अनशन लगातार छठवें दिन भी, बंद निदेशालय परिसर में जारी रहा। ज्ञात हो कि डायट डीएलएड संगठन 12 अगस्त को सचिवालय कूच कर चुका है और 13 अगस्त को निदेशालय परिसर में रात 8 बजे कैंडल मार्च कर रात्रि धरना भी शुरू कर चुका है।

क्रमिक अनशन पर बैठी प्रशिक्षित आरजू ने बताया कि लगातार अपनी समस्या को लेकर सभी कैबिनेट मंत्री के समक्ष जा चुके हैं, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन की मिला है। उधम सिंह नगर से आये प्रशिक्षित विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि लगातर विभागीय अधिकारियों से मांगों को लेकर मुलाकात की है, लेकिन अधिकारी न्यायालय में प्रकरण होने का बहाना बनाकर कन्नी काट लेते हैं। प्रशिक्षित ने कहा कि अगर जल्द ही नियुक्ति का रास्ता साफ नही होता तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जायेगा।

वक्ताओं ने कहा कि एक और जहां डबल इंजिन सरकार 22 हजार नौकरियां निकालने का दावा कर रही है वहीं दूसरी और मात्र 2200 पदों पर निकली प्राथमिक शिक्षक भर्ती पूर्ण करने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं। इससे तो यही लगता है कि 22 हजार नौकरियां मात्र एक जुमला है, जो चुनावी मौसम में वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए सरकार प्रयोग कर रही है।

सीमांत जिले पिथौरागढ़ के सुदूर एवं अति दुर्गम स्थान मुनस्यारी से आये प्रशिक्षित संदीप कोहली का कहना है हम डायट डीएलएड निर्विवादित पक्ष हैं और बेवजह से दो धड़ों के बीच में घुन की भांति पिस रहे हैं। हमारी मांग संवैधानिक है और अगर मांग सरकार जल्दी पूरी नहीं करती तो आगामी चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बेरोजगार युवा बहुत हताश और आक्रोशित हैं।

आगामी धरना नीतियों को स्पष्ट करते हुए प्रदेश सचिव हिमांशु जोशी ने बताया कि इस बार नारेबाजी के दौर समाप्त हो चुका है। अब सरकार को जगाने के लिए मंत्री आवास का घेराव होगा और ये सरकार की ही असफलता होगी कि उनके विभाग द्वारा जिन 519 प्रशिक्षितों को दो वर्ष का कठिन प्रशिक्षण कराया है आज वो सड़को पर उतरने को मजबूर हैं।

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