
नई दिल्ली | तीन साल पुराने श्रद्धा वालकर हत्याकांड का फैसला अभी तक नहीं आया, लेकिन श्रद्धा के पिता विकास वालकर का रविवार को मुंबई में हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह अपनी पत्नी और परिवार के साथ वसई में रहते थे। विकास अपनी बेटी का केस लड़ रहे थे। उन्हें बेटी की अस्थियों का इंतजार था ताकि उसका अंतिम संस्कार कर पाते। मगर श्रद्धा की हड्डियां केस प्रॉपर्टी (सबूत के तौर पर रखी गईं) बन चुकी थी।
श्रद्धा वाकर (27) की 18 मई, 2022 को दिल्ली के महरौली इलाके में एक घर में उसके 28 वर्षीय प्रेमी और लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने हत्या कर दी थी। श्रद्धा और आफताब किराए के घर में महरौली में रहते थे। विकास अपनी बेटी श्रद्धा की नृशंस हत्या के बाद से सदमे में थे। वह अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके शव के बचे हुए टुकड़ों का इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी यह अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी। चूंकि श्रद्धा के शव के अवशेष ही इस हत्याकांड में प्रमुख साक्ष्य हैं, इसीलिए दिल्ली पुलिस ने इन्हें उसके परिजनों को हैंडओवर नहीं किया। इस मामले का खुलासा श्रद्धा की हत्या के लगभग 6 महीने बाद हुआ।
श्रद्धा का परिवार आफताब के साथ उसके रिश्ते को लेकर सहज नहीं था। इस वजह से श्रद्धा ने परिवार के साथ संपर्क तोड़ लिया था। श्रद्धा के दोस्तों ने उसके पिता विकास वाकर को जानकारी दी कि वे उससे ढाई महीने से अधिक समय से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। इस सूचना के बाद विकास वाकर ने मुंबई पुलिस में अपनी बेटी श्रद्धा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले की छानबीन के बाद पता चला कि श्रद्धा अपने प्रेमी आफताब के साथ दिल्ली में रहती है। मुंबई पुलिस की ओर से इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस से संपर्क साधा गया।

दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा की तलाश शुरू की और आफताब को महरौली से उसके किराए के फ्लैट से अरेस्ट किया। पुलिस ने फ्लैट में रखे फ्रिज से श्रद्धा के शव के बचे हुए टुकड़े, खून के धब्बे और अन्य साक्ष्य बरामद किए। पूछताछ में आफताब ने अपना गुनाह कबूल किया। आफताब पूनावाला ने पुलिस को बताया कि 18 मई, 2022 को एक बहस के बाद उसने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। किसी को भनक भी न लगे और श्रद्धा के शव को आसानी ठिकाने भी लगाया जा सके, इसके लिए 2 दिन तक आफताब इंटरनेट पर डेडबॉडी ठिकाने लगाने के तरीके सर्च करता रहा। 19 मई को घर से निकला, 300 लीटर का बड़ा फ्रिज और आरी लेकर लौटा। श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करके फ्रिज में रख दिए। फिर बैग में भरकर उन्हें छतरपुर के जंगलों में फेंक दिया था।
श्रद्धा की पहचान छिपाने के लिए आफताब ने उसका चेहरा जला दिया था। आफताब पूनावाला श्रद्धा की हत्या के अगले 18 दिनों तक उसके शव के टुकड़ों को हर रात लगभग 2 बजे छतरपुर के जंगलों में ले जाकर फेंकता रहा। आफताब पूनावाला को दिल्ली पुलिस ने 12 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। श्रद्धा के पिता विकास वाकर ने आफताब के लिए मौत की सजा की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आफताब के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं और केस का ट्रायल चल रहा है। तीन साल हो गए, श्रद्धा मर्डर केस में फैसला नहीं आया। केस की सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट में हो रही है। डॉक्टर, श्रद्धा के दोस्त और डिलिवरी बॉय की गवाही हो चुकी है। विकास वालकर 27 नवंबर को सुनवाई के लिए मुंबई से दिल्ली आए थे।
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