अल्मोड़ा को कुमाऊं से अलग करना जनता के साथ विश्वासघात : अमित जोशी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ागैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी के एक साल होने पर सरकार द्वारा गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करने का फैसला पूरी तरह गलत है। यह फैसला…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी के एक साल होने पर सरकार द्वारा गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करने का फैसला पूरी तरह गलत है। यह फैसला जनता के साथ किसी विश्वासघात से कम नही है। आम आदमी पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने यह बात आज मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सरकार गैरसैंण स्थाई राजधानी के मुद्दे को भटका कर कमिश्नरी घोषित कर जनता के साथ छलावा कर रही है।
अगर सरकार वाकई में गैरसैंण और वहां की जनता का भला चाहती है तो सबसे पहले इसको जिला घोषित करना चाहिए था, जिसकी मांग आम आदमी पार्टी भी करती है। आप प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि गैरसैंण मंडल बनाने और उसमें अल्मोड़ा—बागेश्वर को जोड़ने पर सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया। उन्होंने कहा अल्मोड़ा कुमाऊँ का अभिन्न अंग है इस को कुमाऊँ से अलग कर के भी सरकार ने वहां के लोगों के साथ विश्वास घात किया है। अल्मोड़ा के बगैर कुमाऊँ मंडल की परिकल्पना भी नही की जा सकती। यह हमेशा से कुमाऊँ की संस्कृति का गढ़ रहा है और सरकार ने कुमाऊँ के लोगों के साथ—साथ यहां की संस्कृति पर भी कुठाराघात किया है। उन्होने कहा कि सरकार का गैरसैंण को कमिशनरी घोषित करने के फैसला समझ से परे है। आज तक सरकार पौड़ी में स्थाई कमिश्नर नही बैठा पाई तो गैरसैंण कमिश्नरी का फैसला महज छलावे से ज्यादा कुछ साबित नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार गैरसैंण को लेकर इतनी गंभीर थी तो सरकार को पहले गैरसैंण को जिला घोषित करना चाहिए था, लेकिन इसे कमिश्नरी घोषित कर सरकार ने यहां की जनता के साथ भी विश्वासघात भी किया है। सरकार को एक साल से ज्यादा का समय गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए हो गया लेकिन यहां सरकार अभी तक प्रशासनिक अमले को नहीं बैठा पाई जबकि सरकार को पहले यहां के इलाकों में प्रशासनिक अधिकारियों को बैठाकर इसे जिले बनाकर इसकी शुरुवात करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार के इस फैसले से पूरा प्रदेश हैरान है और इस फैसले की कड़ी आलोचना कर रही है। प्रेस वार्ता में संगठन मंत्री मनोज गुप्ता, अखिलेश टम्टा, नंदन लाल साह, जगमोहन फर्तयाल, रोहित सिंह, नीरज सिंह आदि मौजूद रहे।

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