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Same Day Cheque Clearing सिस्टम से बैंक ग्राहक परेशान, भारी दिक्कत

अकाउंट से कटने के बावजूद लाभार्थी तक नहीं पहुंच रही रकम

जरा से बात पर धड़धड़ हो रहे चेक रिजेक्ट

उत्तराखंड, हल्द्वानी। देशभर में 4 अक्टूबर, 2025 से लागू किए गए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘कंटीन्यूअस चेक क्लियरिंग’ (Same Day Cheque Clearing) सिस्टम ने आम उपभोक्ताओं को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। हल्द्वानी में भी कई ग्राहकों को चेक क्लियरेंस और फंड ट्रांसफर में तय समय से अधिक देरी का सामना करना पड़ रहा है। कई ग्राहकों के चेक रिजेक्ट होने और पैसा कटने के बाद भी लाभार्थी के खाते में नहीं पहुंचने की शिकायतें सामने आ रही हैं। ऐसी ही सूचना दिल्ली व अन्य राज्यों से भी सामने आई है।

इस नए सिस्टम के चलते चे​क क्लियरेंस में तमाम बैंकों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि बीते दो—तीन दिनों से न केवल धड़ाधड़ चैक​ रिजक्ट हो रहे हैं, बल्कि एकाउंट से पैसा कटने के बाद भी संंबंधित लाभार्थी व्यक्ति के एकाउंट में पैसा ही नहीं पहुंच रहा है। तमाम बैंक अधिकारी भी ग्राहकों को कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पा रहे हैं।

आरबीआई ने इस नए सिस्टम के तहत चेक क्लियरेंस को एक से दो दिन के बजाय कुछ ही घंटों में पूरा करने का दावा किया था, लेकिन हकीकत इससे अलग दिख रही है। बैंकों के सामने नई प्रणाली को अपनाने और बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने में आ रही शुरुआती दिक्कतों के चलते ग्राहकों को परेशानी हो रही है।

ग्राहक की आपबीती: ‘खाते से पैसे कट गए, पर दूसरे अकाउंट में नहीं पहुंचे’

हल्द्वानी में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के एक ग्राहक ने इस नई व्यवस्था से हो रही परेशानी को विस्तार से बताया। ग्राहक ने अपना अरबन बैंक (Almora Urban Co-Oprative Bank Ltd) के खाते का चेक 4 अक्टूबर, शनिवार को आईडीबीआई शाखा में जमा किया था। रविवार (5 अक्टूबर) को छुट्टी होने के बाद, उन्हें 6 अक्टूबर, सोमवार को अरबन बैंक (ड्रॉअर बैंक) से 50,000 रुपये की राशि कटने का मैसेज मिला।

ग्राहक ने बताया कि 7 अक्टूबर, मंगलवार शाम तक भी जब राशि उनके आईडीबीआई खाते में नहीं आई, तो वे बैंक पहुंचे। वहाँ उन्हें फंड ‘क्लियरेंस में अटका हुआ’ बताकर मंगलवार शाम तक क्रेडिट होने का भरोसा दिया गया। लेकिन 8 अक्टूबर, बुधवार को भी उनके आईडीबीआई अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचा है, जबकि चेक देने वाले (अरबन बैंक) के खाते से यह राशि 4 अक्टूबर को ही कट चुकी है। ग्राहक को शाखा से इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं मिल सका है।

क्या है देरी की वजह? बैंकिंग जगत में भी असंतोष

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, 4 अक्टूबर को नई प्रणाली (Same Day Cheque Clearing) लागू होने के बाद से ही देश के बैंकिंग सेक्टर में इसके क्रियान्वयन को लेकर समस्याएं सामने आ रही हैं। जानकारों और बैंकिंग अधिकारियों के मुताबिक, देरी के मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

स्कैनिंग और ट्रेनिंग में कमी: प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कई बैंक शाखाओं में कर्मचारियों को नई प्रणाली के तहत चेक को स्कैन करने और डिजिटल इमेजेस को भेजने की सख्त गुणवत्ता मानकों के बारे में पर्याप्त जानकारी या प्रशिक्षण नहीं है। स्कैन की खराब गुणवत्ता या मानवीय त्रुटि के कारण चेक रिजेक्ट हो रहे हैं या पुरानी क्लियरेंस शेड्यूल के अनुसार प्रोसेस हो रहे हैं।

विलंबित ‘रिटर्न क्लियरिंग’: नई प्रणाली में, ड्रॉअर बैंक को चेक की पुष्टि (Honour/Dishonour) पहले चरण (4 अक्टूबर से 2 जनवरी 2026) में उसी दिन शाम 7:00 बजे तक करनी होती है। लेकिन खबर है कि कई बैंकों को क्लियरिंग हाउस से रिटर्न क्लियरिंग फाइल ही निर्धारित समय से काफी देर से मिल रही है, जिससे ग्राहकों के खाते में फंड क्रेडिट होने में देरी हो रही है।

सिस्टम अपग्रेडेशन की चुनौती: ‘बैच क्लियरिंग’ से ‘कंटीन्यूअस क्लियरिंग’ में बदलाव के लिए बैंकों को अपने आंतरिक सिस्टम और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर अपग्रेड करना जरूरी है, जिसमें शुरुआती तकनीकी रुकावटें आ सकती हैं।

आरबीआई की नई प्रणाली का उद्देश्य ग्राहकों को तेज़ फंड एक्सेस प्रदान करना है। इस प्रणाली के तहत, चेक को 10 बजे से 4 बजे के बीच लगातार प्रोसेस किया जाता है और सेटलमेंट के बाद एक घंटे के भीतर फंड ग्राहक के खाते में क्रेडिट हो जाना चाहिए। हालांकि, वर्तमान में तकनीकी समायोजन की वजह से कई ग्राहक इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

ग्राहकों के लिए सलाह

  • जब तक बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से नए नियमों के अनुकूल नहीं हो जाता, तब तक ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि:
  • बड़ी रकम के लिए यथासंभव RTGS/NEFT/IMPS जैसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर तरीकों का उपयोग करें।
  • चेक भरते समय सभी विवरण (तारीख, राशि, हस्ताक्षर) की अचूकता सुनिश्चित करें, क्योंकि स्कैनिंग की उच्च गुणवत्ता आवश्यकताओं के कारण छोटी-सी गलती भी अस्वीकृति (Rejection) का कारण बन सकती है।
  • चेक जारी करने से पहले अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें, क्योंकि चेक बाउंस होने की प्रक्रिया अब बहुत तेज हो गई है।
  • ₹50,000 से अधिक के चेक के लिए बैंक द्वारा सुझाए गए पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) का इस्तेमाल जरूर करें।

जुर्माना भरे आरबीआई !

इधर ग्राहकों का कहना है कि आरबीआई के नए नियम के अनुसार मात्र दो घंटे में चेक क्लेयर होने का दावा किया जा रहा था, लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है। लोगों के दो से तीन दिन में भी चेक क्लेयर नहीं हो पा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस गंभीर समस्या पर कोई कुछ बोल नहीं रहा है। जबकि चेक क्लियरेंस में होने वाली देरी पर बैंक शाखा और आरबीआई को ग्राहकों को जुर्माना देना चाहिए।

बैंकिंग अधिकारी भी मानते हैं सिस्टम में शुरुआती बाधा

इस गंभीर समस्या पर, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर अपनी बात रखी। उन्होंने स्वीकार किया कि नया ‘सेम डे चेक क्लियरिंग’ सिस्टम पूरे देश में शुरुआती क्रियान्वयन दौर से गुजर रहा है, जिसके कारण यह प्रभावित हो रहा है।

अधिकारी ने माना, “यह सच है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का निर्देश पूरे देश के बैंकों तक पहुँच गया है, लेकिन उसी दिन तत्काल चेक क्लियरेंस का दावा हकीकत में सच साबित नहीं हो पाया है। वर्तमान में, ग्राहक निश्चित रूप से काफी परेशान हैं और हमें उनकी शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है।”

वहीं, आईडीबीआई बैंक की दिल्ली शाखा के एक अधिकारी ने भी इन चिंताओं को दोहराया। उन्होंने कहा कि उनकी शाखा में भी इसी तरह की परिचालन संबंधी बाधाएँ आ रही हैं। अधिकारी के अनुसार, “हम भी देख रहे हैं कि लोगों के चेक दो से तीन दिनों तक क्लियर नहीं हो पा रहे हैं। यह समस्या केवल किसी एक बैंक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यापक स्तर पर पूरे बैंकिंग उद्योग को प्रभावित कर रही है।”

बैंक अधिकारियों का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि आरबीआई द्वारा लाए गए इस क्रांतिकारी सुधार को धरातल पर उतारने में बैंकों को तकनीकी और प्रक्रियात्मक सामंजस्य बिठाने में अभी समय लग रहा है।

स्थानीय बैंक अधिकारियों ने साधी चुप्पी, पर स्वीकारा ‘दिक्कत’

जब हमने हल्द्वानी की स्थानीय बैंक शाखाओं के अधिकारियों से इस नई प्रणाली के कार्यान्वयन (implementation) में आ रही समस्याओं के बारे में जानने की कोशिश की, तो अधिकांश ने इस विषय पर चुप्पी साध ली

अधिकारियों ने खुलकर कुछ भी कहने से हिचकिचाते हुए बस इतना स्वीकार किया कि “इस नए सिस्टम में दिक्कतें पेश आ रही हैं।”

दरअसल, ‘सेम डे चेक क्लियरिंग’ सिस्टम की शुरुआती विफलता या तकनीकी खामियों पर खुलकर बोलना हर बैंक अधिकारी टाल रहा है। यह बैंकिंग जगत में व्याप्त उस संकोच को दर्शाता है, जहाँ एक बड़ी नियामक संस्था (Regulatory Body) द्वारा लाए गए सुधार पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से बचा जाता है, भले ही ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हो।

Deepak Manral
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DEEPAK MANRAL E-Mail : [email protected]>> Successful experience of journalism in the field of Daily Hindi News papers & Magazines. (Amar Ujala, Uttaranchal Deep, Pradhan Times Daily, Katyuri Mansarovar, Dharmyudh etc.)>> Career Objective : To broaden my vision by continuous learning & taking up challenging assignments.>> Summary : A total experience of nearly 6 years in the field of desk top publication, Edition & News Reporting Major part had been working with “Amar Ujala” as a News Reporter and later Bureo Chief Bageswar. I have been exposed to both criminal & political Reporting.>> Work Experience :Organization : Ms Amar Ujala publication ltd. Worked as a News Reporter with this reputed Hindi Newspaper wherein exposed to both criminal & Political reporting while being attached to their various offices at Haldwani, Almora, Ranikhet & Bageshwar Duration : 6 Years (Jan 2001 to May 2006)Organization : M/s Katyuri Prakashan (A family owned publication house taking out Quarterly magazines namely ‘Katyuri Mansarovar’ & ‘Dharmyudh’.>> Key Performance Areas Editing of the articles being received from various sources. Handling all related correspondences.Freelance writing in various News Papers : 3 Years (2009 to 2011)Ms Uttaranchal Deep Hindi Daily >> Duration : 7 Years (2012 to 2018)>> Key performance Areas Covered criminal reporting while based at Haldwani. Covered political reporting while based at Almora Office. Was responsible for mainly editing job while based at Ranikhet & Subsequently at Bagheswar office.>> Academic Qualification : M.A. (Hindi) from Kumaun University in 1999. 6 Monts computer Course from JCTI, New Delhi. B.A. From Delhi University in 1996 12th from CBSE, Delhi in 1993>> Technical Expertise : Proficiency in DTP. Proficient in Page Maker & Coral Draw. Good Knowledge of English & Hindi typesetting. Hardcore Knowledge of composing & editing.>> Personal Profile : Date of Birth : 13th Nov, 1974 Father’s Name : Late Mr. Balwant Manral>> Communication Address : Manral Sadan, Narsing Bari, Almora (Uttarakhand) 263601
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