— सस्ता गल्ला उपभोक्ताओं में आक्रोश, जांच की मांग उठी
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
सरकार के मुफ्त राशन को लेकर उपभोक्ताओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सस्ता गल्ला दुकानों में चावल और गेहूं खराब आ रहा है। जिसमें कीड़े भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह गरीबों के साथ मजाक है। उन्होंने गेहूं, चावल आदि की क्वालिटी में सुधार करने की मांग की है।
बिलौनासेरा क्षेत्र के उपभोक्ता किशन राम, हरीश राम, लीला देवी, जगदीश राम, हिमा देवी आदि ने बताया कि उन्हें सस्ता गल्ला दुकान से गेहूं और चावल खराब मिला है। सरकार ने कोरोना के कारण गरीबों को प्रति यूनिट दो किलो चावल और तीन किलो राशन मुफ्त में देने का निर्णय लिया है।
वह इसका स्वागत करते हैं। लेकिन सोमवार को वह सस्ता गल्ला दुकान से राशन लाए। चावल में कीड़े पड़े हुए हैं और गेहूं भी खराब है। इसके अलावा कूड़ा-करवट भी राशन में मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों की मजाक है। उन्होंने कहा कि जिला पूर्ति विभाग को राशन आदि की गुणवत्ता की समय-समय पर जांच करनी चाहिए। ताकि सरकार की योजनाओं को पलीता नहीं लगे।
उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भी उन्हें इस तरह का राशन मिला तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे। इधर, जिला पूर्ति अधिकारी अरुण कुमार वर्मा ने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत नहीं है। उपभोक्ताओं की शिकायत पर जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि राशन की गुणवत्ता की जांच भी होती है।