अल्मोड़ा : शाम 4 बजे निकलेगा रावण परिवार का जुलूस, इस बार यह पुतले हैं शामिल…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव आयोजन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आज शुक्रवार को शाम 04 बजे के बाद…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव आयोजन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आज शुक्रवार को शाम 04 बजे के बाद पुतलों का जलूस बाजार होते हुए अपने निर्धारित मार्ग से निकलेगा। वहीं 3.30 बजे कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन होगा।

दुर्गा प्रतिमाओं के विर्सजन के साथ ही रावण परिवार के पुतलों की भव्य शोभा यात्रा के लिए पुतले यहां बहुउद्देेशीय पार्किंग के निकट एकत्रित हो गये हैं। इस बार विभिन्न मोहल्लों में पुतला निर्माण कमेटियों द्वारा रावण परिवार के कुल 16 पुतले बनाये गये हैं। जिनमें ताड़िका—हुक्का क्लब, खर—चौघानपाटा, दूषण—गंगोला मोहल्ला, ज्वालासुर—नृसिंहबाड़ी, कीरत—अफसर कॉलोनी, धुम्राक्ष—खोल्टा, मायासुर—धार की तूनी, मारीच—टम्टा मोहल्ला, कुंड—राजपुरा, अतिकाय—राजपुरा, कालकासुर—चौक बाजार, अक्षय कुमार—लोहे का शेर, देवांतक—राजपुरा, कालकेतू—सांईं मंदिर, रावण—लाला बाजार तथा मकरासुर—भ्यारखोला शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा में रावण का पुतला फूंकने की शुरुआत 1925 के बाद से मानी जाती है। 1936 में जौहरी मोहल्ले में कुंभकर्ण का पुतला बनाया जाता था। नंदादेवी, लाला बाजार के कलाकार रावण का पुतला बनाते थे, जो आज भी कायम है। 1974 में पलटन व थाना बाजार वालों ने मेघनाद का पुतला बनाया। 1982 से कुछ और मोहल्ले व रामलीला कमेटियां पुतले बनाने लगीं। 1990 से तो नगर में रावण परिवार के 30 से ज्यादा पुतले बनाए जाने लगे। कोविड काल के कारण इस वर्ष पुतलों की अधिकतम सीमा 16 रखी गई है। कोरोना काल होने के बावजूद इस साल भी दशहरा महोत्सव को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं दिख रहा है। काफी संख्या में लोग इस महोत्सव को देखने के लिए पहुंचे हैं।

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