अल्मोड़ा: केंद्र सरकार का बजट गरीब विरोधी और निराशाजनक—प्रदीप टम्टा

👉 पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की प्रेसवार्ता 👉 उत्तराखंड के लोगों की अपेक्षाओं से खिलवाड़ का आरोप सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: कांग्रेस के…

केंद्र सरकार का बजट गरीब विरोधी और निराशाजनक—प्रदीप टम्टा

👉 पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की प्रेसवार्ता
👉 उत्तराखंड के लोगों की अपेक्षाओं से खिलवाड़ का आरोप

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने साफ तौर से इस बजट को गरीब विरोधी व ​बेहद निराशाजनक बजट की संज्ञा दी। श्री टम्टा ने आज शुक्रवार को अल्मोड़ा के होटल शिखर मेें पत्रकारों से मुखातिब होकर यह बात कही।

पूर्व सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में कुछ भी खास नहीं है, बल्कि गरीबों, किसानों व आम तबके समेत समूचे उत्तराखंड की इसमें घोर उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि बजट में कहीं भी ऐसा कुछ नहीं है, जिससे युवाओं, नारी शक्ति, किसानों व आम तबके लिए कहीं भी बेहतरी की उम्मीद की किरण आती हो। उनका कहना था कि उत्तराखंड के परिपेक्ष में तो बजट ने लोगों की अपेक्षाओं के साथ खिलवाड़ किया है। ग्रीन बोनस सहित हिमालयी राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने जैसे अहम् मामले पर वित्त मंत्री ने मौन साध लिया। इसके अलावा संसाधनों की वृद्धि की बात शामिल नहीं है, यहां तक कि रेल परियोजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। टनकपुर—बागेश्वर रेल लाइन के लिए भी कोई वित्तीय प्राविधान नहीं किया गया है।

कांग्रेस नेता टम्टा ने कहा कि रोजगार के मामले में भी बजट में कोई खास बात नहीं आई है, जबकि देश में 20 से 24 आयुवर्ग के युवाओं की बेरोजगारी दर 40 फीसदी से पार हो चुकी है। यह दर गत साढ़े चार दशक में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी की बात करने वाली केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी 20 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ा पाई। महिला उत्पीड़न व अत्याचार के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। शिक्षा का बजट घटा दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के रहते कृषि विकास दर करीब 4 प्रतिशत थी, जो अब वर्तमान में 1.8 रह गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में एससी/एसटी व अल्पसंख्यकों की उपेक्षा हुई है।

श्री टम्टा यह भी बोले कि यूजीसी एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस मामले में अपनी कोई बात स्पष्ट नहीं की और न ही पिछले 10 साल से इस प्रोजेक्ट पर कुछ किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में केवल वोटों के ध्रुवीकरण के लिए यूसीसी को लाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को भगवान के मंदिरों में सभी वर्गों को हिस्सेदारी देना सुनिश्चित करना चाहिए। प्रेसवार्ता में विधायक मनोज तिवारी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज ‘गुड्डू’ व नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी भी मौजूद रहे।

 

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