हल्द्वानी। प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए वात्सल्य योजना चलाई है। इस योजना के तहत ऐसे अनाथ बच्चों को 21 साल की आयु पूरी होने तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता सरकार दे रही है। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस पहुंचे। जहां पर उन्होंने 109.09 करोड़ की 24 विकास योजनाओं का विधिवत पूजा अर्चना कर लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
जिसके बाद सीएम तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों की बैठक से पूर्व पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के तहत आम जन को विश्वास में लेते हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम हमारी सरकार कर रही है। जितनी तेजी से हमने इस कोविड में काम किया, वह सबके सामने है। सीएम रावत ने कहा कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए वात्सल्य योजना चलाई।
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इस योजना के तहत ऐसे अनाथ बच्चों को 21 साल की आयु पूरी होने तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता सरकार दें रही है। योजना में ऐसे बच्चों को भी शामिल किया जिनके माता-पिता की गंभीर बीमारी से मृत्यु हो गई हो। साथ ही उनकी शिक्षा और रोजगार के लिए प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
बच्चों की पैतृक संपत्ति कोई खुर्दबुर्द न कर सकें, इसके लिए इनके वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा। यह जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की होगी। सीएम ने कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के बच्चों या उनके स्वजनों को योग्यता अनुसार उपनल के जरिये नौकरी देने की भी बात कही।
पत्रकार वार्ता के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत, सांसद अजय भट्ट, विधायक नवीन दुम्का, संजीव आर्य, राम सिंह कैड़ा भी मौजूद रहे।
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