सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक कोरोना सैंपलिंग कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोविड नियंत्रण, वैक्सीनेशन और डेंगू के प्रभावी नियंत्रण के कार्यों के साथ कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की और जिलाधिकारी को कई दिशा-निर्देश जारी किए।
शनिवार को कलक्ट्रेट स्थित एनआइसी में वीडियो कांफ्रेस के जरिए सीएम ने जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों की बैठक ली और निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन गांवों मे संक्रमितों की संख्या अधिक है वहां सैंपलिंग बढ़ाई जाए। ग्राम स्तर पर गठित निगरानी समिति को और अधिक सक्रिय बनाया जाए। मानसून को देखते हुए आक्सीजन आदि की व्यवस्था सुदृढ़ कर ली जाए। अस्पतालों में दवाइयां और चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। निजी अस्पतालों में उपचार के लिए अधिक शुल्क लेने पर सख्त कार्रवाई की जाए। उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाए।
वैक्सीनेशन से कोई भी गरीब वंचित नहीं रहना चाहिए। सीएम ने कहा कि डेंगू भी एक चुनौती है। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि आइवरमेक्टिन दवा का ग्रामीण क्षेत्र में 75 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 97 फीसदी वितरण हो चुका है। 45 से अधिक आयु के 97 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो गया है। उन्होंने कोरोना संक्रमण की स्थिति और आक्सीजन की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी चंद्र सिंह इमलाल, जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीडी जोशी आदि मौजूद थे।
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