सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी संबंधी विवाद आउटसोर्सिंग के तहत सीमित पगार पर कार्यरत कर्मचारियों पर भारी पड़ा है। उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ऐसे में उनके सामने रोजी—रोटी का सवाल खड़ा हो गया है। यहां तक उन्हें कुछ माहों की पगार तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में इस कोरोनाकाल में उनके सामने मुश्किल खड़ी हो गई है, लेकिन उनकी चिंता नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी को लेकर चल रही तनातनी उजागर हो चुकी है। इसकी वजह एजेंसी बदलने के लिए निविदा आमंत्रण बताया जा रहा है। नई एजेंसी का इंतजाम हो नहीं सका। चाहे कुछ भी हो, पिसना निचले स्तर के लोगों को पड़ता है। यहां भी ऐसा ही हो रहा है। अब तनातनी व एजेंसी बदलने का मामला उच्च स्तर का है, लेकिन इसका विपरीत असर आउटसोर्सिंग के तहत सीमित पगार पर काम कर रहे कर्मचारियों पर पड़ा है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या प्रदेश में 380 बताई गई है। जो आउटसोर्सिंग कर्मचारी के रूप में विभाग में पोषण अभियान, वन स्टॉप सेंटर, महिला शक्ति केंद्र और पीएम मातृ वंदना योजना आदि का कार्य कर रहे थे। उन्हें बड़ा झटका लगा है। एक तरफ कोरोनाकाल मेंं रोजगार के लाले पड़े हैं, ऐसे वक्त में आउटसोर्सिंग से गुजर—बसर चला रहे इन कर्मचारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। इस कोरोनाकाल में उनके भविष्य को ताक में रखते हुए 15 सितंबर को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। व्यवस्था का आलम ये है कि उनका पिछले कुछ महीनों का भुगतान भी लटका दिया है। इससे ये कर्मचारी बेहद व्यथित हैं।
राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत अल्मोड़ा में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जिलाधिकारी को भी ज्ञापन दिया है। जिसमें कहा गया है कि उनके पगार में से सर्विस चार्ज के रूप में 8.12 प्रतिशत और जीएसटी के तौर पर 18 प्रतिशत की कटौती की जा रही थी। जिसे शोषण करार दिया है। इतना ही नहीं पिछले कुछ महीनों की पगार तक नहीं दी गई है। उन्होंने लंबित भुगतान करवाने तथा उन्हें आउटसोर्सिंग के माध्यम से अन्य जगह सेवायोजित कराने का अनुरोध किया है।
अल्मोड़ा : सीमित पगार की नौकरी, वहां से दिखाया बाहर का रास्ता
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ामहिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी संबंधी विवाद आउटसोर्सिंग के तहत सीमित पगार पर कार्यरत कर्मचारियों पर भारी पड़ा है।…