उत्तराखंड में 67 विधायकों ने किया था राष्ट्रपति पद के लिए मतदान
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उत्तराखंड में 67 विधायकों ने किया मतदान, तीन गैरहाजिर
देहरादून। भारत के पन्द्रहवें राष्ट्रपति का दायित्व द्रौपदी मुर्मू ने संभाल लिया है। आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू का जीवन संघर्षों भरा रहा है। चौसठ वर्षीय मुर्मू ने इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे, उन्होंने सार्वजनिक जीवन भारतीय जनता पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता और स्थानीय निकाय के पार्षद के रूप में शुरू किया और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च पद का दायित्व संभालने जा रही हैं।
राष्ट्रपति मतदान में उत्तराखंड के 67 विधायकों ने डाला वोट
आइये अब बात करते है राष्ट्रपति मतदान वाले दिन की, उत्तराखंड में राष्ट्रपति मतदान के लिए 67 विधायकों ने मतदान किया था, जबकि तीन गैरहाजिर रहे। विधायक व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास, कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ व राजेन्द्र भंडारी वोट नहीं डाल पाए। हालांकि इसकी वजह भी है। उत्तराखंड में 70 विधानसभा में से 47 विधायक भाजपा के है, जबकि कांग्रेस के 19 तो 2 बसपा और 2 निर्दलीय विधायक हैं। इसके अलावा 5 लोकसभा व 3 राज्यसभा सांसद मिलाकर 8 सांसद भी भाजपा के ही हैं।
तीन विधायक रहे गैरहाजिर
उत्तराखंड के 67 विधायकों ने राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लिया था। जबकि तीन विधायकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इनमें कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास व कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ स्वास्थ्य सम्बंधी कारणों से मतदान से वंचित रहे। जबकि बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भंडारी भी सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से समय पर देहरादून नहीं पहुंच पाए थे।
18 जुलाई को हुआ था राष्ट्रपति पद का चुनाव
सोमवार 18 जुलाई को विधानभवन में बनाये गए मतदान केंद्र में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य एवं कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा एवं विधायकगण सहित कुल 67 विधायकों/मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।