अल्मोड़ा: नंदादेवी में महिलाओं ने बिखेरी पहाड़ की हरेला संस्कृति की छटा

✍️ घुश्मेश्वर महिला समिति धारानौला द्वारा हरेला महोत्सव का आयोजन ✍️ हरेला पर्व के जरिये पहाड़ी संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा:…

नंदादेवी में महिलाओं ने बिखेरी पहाड़ की हरेला संस्कृति की छटा

✍️ घुश्मेश्वर महिला समिति धारानौला द्वारा हरेला महोत्सव का आयोजन
✍️ हरेला पर्व के जरिये पहाड़ी संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: घुश्मेश्वर महिला समिति धारानौला अल्मोड़ा ने आज नंदादेवी मंदिर परिसर में हरेला महोत्सव आयोजित कर शानदार सांस्कृतिक छटा बिखेरी। जहां अपने—अपने घर में उगाए हरेले की टोकरियां के साथ पारंपरिक परिधान में सजधज कर महिलाएं पहुंची। इसके साथ ही हरेले का प्रदर्शन कर पहाड़ की अनूठी संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। इस मौके पर झोड़ा इत्यादि सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं। इस महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं का हुजूम उमड़ा।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार महिला दल हरेले से आच्छादित टोकरियां लेकर नन्दादेवी मन्दिर पहुंची, जहां पारंपरिक कुमाऊंनी गीतों से सभी का स्वागत हुआ। महिलाओं ने अपने—अपने घरों में उगाए हरेले का प्रदर्शन किया और सभी अतिथियों व अन्य महिलाओं ने उनका उत्सावर्धन किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलकियां पेश की गई। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने सभी को हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए घुश्मेश्वर महिला समिति के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पहाड़ की संस्कृति व परंपराओं को आगे बढ़ाने, इनसे नई पीढ़ी को रुबरु कराने के लिए ऐसे आयोजन बेहद आवश्यक हैं। ऐसे कार्यक्रम संस्कृति संरक्षण में सहायक होते हैं। समिति की अध्यक्ष लता तिवारी ने कहा कि पर्वतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लक्ष्य से हरेला महोत्सव आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध में आज अपनी संस्कृति के संरक्षण और उसे आगे बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजन बेहद जरुरी हैं।

पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी हमारी संस्कृति व पर्वों से परिचित रहे, इसके लिए ऐसे आयोजनों की बेहद आवश्यकता है। वहीं राधा बिष्ट ने कहा कि हरेला पर्व हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा है और यह पर्व हमें प्रकृति के साथ जोड़ता है। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए समिति की प्रीति बिष्ट ने कहा हरेला पर्व हरियाली का प्रतीक है और हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाली के सन्देश को जन—जन तक पहुंचाना है। इसमें ऐसे आयोजन अहम् भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में सीएल वर्मा, नीता उप्रेती, लता पांडे, ज्योति तिवारी व प्रमोद रावत आदि अतिथि के रुप में शामिल रहे और सभी ने कार्यक्रम की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और प्रतिभागी महिलाओं को पुरस्कार बांटे। हरेला महोत्सव में जन शिक्षण महिला समिति, कोकिला महिला समिति, सरकार की आली महिला समिति एवं विमला तिवारी एवं हीरा कनवाल की सांस्कृतिक टीमों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में कमला पांडे, मुन्नी पंत, रेखा रौतेला, ज्योति जोशी, हेमा तिवारी, तारा तिवारी, धीरा तिवारी, अनीता कन्नौजिया, माधवी बिष्ट, राधा तिवारी, सपना, दीपा बिष्ट, पुष्पा पांडे, पुष्पा मेर, प्रेमा, दीपा बिष्ट, लीला डसीला, बीना बिष्ट, कुंती देवी, मंजू बिष्ट, हेमा कांडपाल, रजनी, मीनाक्षी, मोहनी शर्मा, कमला साह, शोभा भट्ट, हंसा जैड़ा, सीमा हयांकी, नंदी नेगी आदि कई महिलाओं ने शिरकत की।

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