सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
वर्तमान में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन व्यवस्था का आलम ये है कि इस सर्दी के मौसम में भी तीन गांवों के पेयजल के लाले पड़े हैं। ये गांव हैं—कफलखेत, मजियाखेत व सैंज। शनिवार को क्षेत्र के लोगों का सब्र का बांध टूट गया। नाराज लोग एसडीएम कार्यालय में धमक गए। यहां खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन किया। जल्द समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। बाद में प्रशासन के आश्वासन के बाद वापस लौटे।
क्षेत्र की महिलाएं शनिवार को तहसील परिसर में पहुंचीं। यहां जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि मजियाखेत, कफलखेत था सैंज में पांच दिन से पानी नहीं आ रहा है। इसकी शिकायत जल संस्थान से कर दी है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यह योजना पहले नगर पालिका के पास थी, बाद में जल संस्थान के पास। अब पानी नहीं आ रहा है। दोनों विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। व्यवस्था से परेशान होकर वह प्रशासन के पास पहुंचे। प्रशासन तक करे की पानी देने की जिम्मेदारी किसकी है, जबकि वह पानी का बराबर भुगतान कर रहे हैं।
इन दिनों शादी-विवाह का सीजन चल रहा है। पानी के अभाव में उनकी दिनचर्या पूरी तरह गड़बड़ा गई है। जल्द समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मौके पर प्रेमा देवी, सुनीता टम्टा, उमा जोशी, विमला देवी, निर्मला, विमला टंगड़िया, शोभा देवी, उमा गुरुरानी, भावना जेशी, चंद्रा आगरी, मुन्नी टम्टा, सोनू मेहता, मुन्नी जोशी, तारा कांडपाल समेत 30 महिलाएं शामिल थीं। इधर एसडीएम हरिगीरि गोस्वामी ने बताया कि दोनों विभाग के अधिकारियों को बैठाकर जिम्मेदारी तय की जाएगी।