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उत्तराखंड में PCS पदों पर आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी का चयन सामान्य श्रेणी में क्यों, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब


नैनीताल| हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग के पदों पर आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में चयनित होने के नियमों को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

कोर्ट ने अंतरिम आदेश भी पारित किया है कि उत्तराखंड संयुक्त राज्य सिविल सेवा परीक्षा, 2021 में जिन आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों ने पद पर चयन के आवेदन करने में छूट के मानकों का लाभ उठाया है, उनके परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगे।

हल्द्वानी व पीलीभीत के युवकों ने दायर की है याचिका

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हल्द्वानी निवासी बृजमोहन जोशी व पीलीभीत उत्तर प्रदेश निवासी शादाब खान की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में राज्य लोक सेवा आयोग के उन नियमों को चुनौती दी गई है, जो आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति को सामान्य श्रेणी में चयनित होने की अनुमति देता है, भले ही उसने आयु सीमा, अनुभव, योग्यता, लिखित परीक्षा में अनुमत अवसरों की संख्या में छूट का लाभ उठाया हो।

याचिका में दी गई ये दलील

याचिका में कहा गया है कि यह नियम मनमाना है और केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के खिलाफ है। एक बार आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति को आवेदन के समय छूट का लाभ प्राप्त करने के बाद अनारक्षित पद पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, भले ही वह अनारक्षित योग्यता सूची के अनुसार मेधावी हो। यह आरक्षण लाभ का ओवरलैपिंग और अनुचित और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। खंडपीठ ने राज्य सरकार के साथ ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

केंद्र सरकार के हैं ये नियम

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि कि केंद्र सरकार ने कानून बनाया है कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार ने यदि मानकों में छूट के साथ किसी पद के लिए आवेदन किया है तो उसे केवल आरक्षित वर्ग के पद के लिए ही चुना जाएगा और अनारक्षित पद पर उसका चयन नहीं किया जाएगा, भले ही संबंधित अभ्यर्थी अनारक्षित उम्मीदवार से अधिक मेधावी हो। इसी आधार पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम तैयारी प्रक्रिया विनियम, 2022 के विनियम-चार (1) (तीन) और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम तैयारी प्रक्रिया नियम, 2012 के नियम 6.2 (ए) (2) (3) को चुनौती दी गई है।

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