सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सरकार ने कक्षा 6 से 12 तक के सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय खोल तो दिए हैं, लेकन स्कूल आने वाले बच्चों से रोजाना अभिभावकों द्वारा एक सहमति पत्र तथा हैंड सेनेटाइजर लाने के निर्देश को लेकर अभिभावकों में सख्त रोष है। उनका कहना है कि विद्यालय प्रबन्धन द्वारा जिस तरह के आदेश दिए जा रहे हैं, उससे जाहिर होता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर सारी जिम्मेदारी अभिभावकों की ही है और विद्यालय प्रबन्धन को इससे कुछ लेना—देना नही है। इन्ही कुछ समस्याओं को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर कई सुझाव रखे।
संजय पाण्डे ने कहा कि इन दिनों संक्रमण का दौर कम जरूर हुआ है पर खत्म नही हुआ है। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही किसी अनहोनी घटना को जन्म दे सकती है। उन्होंने कहा कि इन दिनों सभी विद्यालयों द्वारा अभिभावकों के लिये कड़े से कड़े निर्देश जारी किये गए हैं। मसलन यदि विद्यार्थी विद्यालय में प्रवेश करेगा तो उसे हर रोज अपने घर से अभिभावकों द्वारा एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा के लाना होगा। साथ में हेंड सेनेटाइजर भी लाना होगा। इस आदेश को देख कर यह लगता है जैसे सारे निर्देश केवल अभिभावकों के लिए है, विद्यालयों की इसमें कोई जवाबदेही तय नही की गई है। संजय पाण्डे ने जिला शिक्षा अधिकारी एच.बी. चंद से कहा कि विद्यालयों के तुगलकी फरमान पर वह अपनी आपत्ति दर्ज करते हैं। उन्होंने कहा कि जब तैयारी पूरी नही है तो विद्यालयों को खोलने की जल्दी क्यो है ? साथ ही विद्यालय प्रबंधन द्वारा सेनेटाइजर इत्यादि अपने छात्रों से घर से मंगवाने पर भी घोर आपत्ति दर्ज की। कहा कि सेनेटाइजर एक जहरीला पदार्थ है जिसे बच्चों को देना सही नही है। ये सब व्यवस्था विद्यालयों द्वारा अपने छात्रों के लिये की जानी चाहिए। इसके अलावा बैठने की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए। इनका कहना था कि विद्यालयों को खोलने से पहले सभी कक्षाओं का निरीक्षण प्रशासन की देखरेख में करवाया जाय। साथ ही विद्यालय के अंदर की सारी जिम्मेदारी विद्यालय के प्रशासन पर डाली जाए। इसके लिए किसी भी छात्र के अभिभावकों को परेशान न किया जाय। ऑफ लाइन के साथ—साथ ऑनलाइन क्लास को भी सुचारू रखा जाये। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त सभी सुझावों को शहर के सभी विद्यालयों के प्रधानचार्य की होने वाली बैठक में प्रमुखता से रखा जाएगा व किसी भी छात्र का उत्पीड़न नही होने दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में देव सिंह टंगणिया और फड़ एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष नवीन चंद्र ‘बबलू भाई’ भी शामिल थे।