Bageshwar Breaking: ठग की डिमांड पर पानी की टंकियां पहुंची कौसानी

— ठग ने बड़ी ठगी के लिए अपनाया अजूबा तरीका— व्यापारी ठगी का शिकार होने से बाल—बाल बचासीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर साइबर ठगी के मामले तो…

साइबर क्राइम

— ठग ने बड़ी ठगी के लिए अपनाया अजूबा तरीका
— व्यापारी ठगी का शिकार होने से बाल—बाल बचा
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर

साइबर ठगी के मामले तो समय—समय पर सामने आ ही रहे हैं। साथ ही ठग नये—नये जालसाज प्रयोगों से लोगों को चूना लगा रहे हैं। ऐसा ही एक ठग का ठगी करने का अनूठा मामला यहा प्रकाश में आया है, लेकिन व्यापारी की चतुराई ने उसे ठगी का शिकार होने से बचा लिया।

यहां एक ठग ने एक व्यापारी को फोन काल कर अनोखे तरीके से ठगने का प्रयास किया। व्यापारी ने टोल फ्री नंबर 112 के माध्यम से पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर मामले की जांच का अनुरोध किया। सैम मंदिर वार्ड निवासी व्यापारी भाष्कर जोशी को शुक्रवार की सुबह 7379042287 और 8490886879 मोबाइल नंबरों से फोन आए। फोन करने वाले ने खुद को केंद्रीय ‌विद्यालय कौसानी का प्रधानाचार्य बताया और छह पानी की टंकी (सिनटेक्स) भिजवाने को कहा। कौसानी से डिमांड आने पर व्यापारी को ‌थोड़ा आश्चर्य हुआ, उसने फोन करने वाले से कहा कि वह कौसानी छोड़कर बागेश्वर से क्यों सामान मंगवा रहा है। फोनकर्ता ने कहा कि कौसानी में एक साथ छह टंकी नहीं मिल रही हैं। उसने व्यापारी से नगद भुगतान भी करने की बात कही। केंद्रीय विद्यालय का सामान समझते हुए व्यापारी ने तत्काल अपनी गाड़ी से टंकी भिजवा दी। वाहन टंकी लेकर कौसानी पहुंचा, तो चालक‌ ने व्यापारी को फोन किया।

व्यापारी ने टंकी मंगवाने वाले को फोन कर वाहन के कौसानी पहुंचने की बात बताई। इस बार फोन करने वाले ने उसे विद्यालय के समीप एक स्थान पर वाहन खड़ा करने को कहा और 10 मिनट में आने की बात कही। 10 मिनट बाद भी वह नहीं पहुंचा, तो चालक ने फिर व्यापारी को फोन किया। व्यापारी ने फिर टंकी मंगाने वाले को फोन किया, तो इस बार वह टालमटोल करने लगा। उसने व्यापारी से कहा कि टंकी के नगद रुपये रखे थे, व‌ह किसी अन्य कार्य में खर्च हो गए हैं। उसने ऑनलाइन भुगतान करने की बात कही और एक लिंक व्यापारी को भेजकर उसे खोलने को कहा। उसकी इस गतिविधि से व्यापारी को ठगी का अहसास होने लगा और उसने टंकी मंगाने वाले से सख्ती से बात की। व्यापारी के सख्त लहजे में बात करने के बाद फोन करने वाला गाली—गलौज पर उतर आया और उसने भुगतान के नाम पर भेजे लिंक भी डिलीट कर दिए। व्यापारी ने ठग के बैंक खाते का पता लगाने के लिए गूगल पे से एक रुपया भेज दिया, ताकि पुलिस ठग के बैंक खाते की मदद से ठग तक पहुंच सके।

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