आक्रोश के स्वर : तहसील वापसी की मांग को लेकर जोरदार जुलूस-प्रदर्शन

✒️ शासन-प्रशासन, सरकार पर उदासीनता बरतने का आरोप ✒️ बाजार बंदी रही सफल, फड़-सब्जी की दुकानें भी रही बंद अल्मोड़ा। तहसील को मल्ला महल वापस…

तहसील को मल्ला महल वापस लाने की मांग

✒️ शासन-प्रशासन, सरकार पर उदासीनता बरतने का आरोप

✒️ बाजार बंदी रही सफल, फड़-सब्जी की दुकानें भी रही बंद

अल्मोड़ा। तहसील को मल्ला महल वापस लाने की मांग को लेकर शासन-प्रशासन व सरकार के कथित उदासीन रवैये के खिलाफ आज नगर व्यापार मंडल के तत्वाधान में आयोजित बंद सफल रहा। इस मौके पर चौघानपाटा के गांधी पार्क में जनसभा व जबरदस्त जुलूस-प्रदर्शन का आयोजन हुआ।

आंदोलनस्थल पर हुई जन सभा में वक्ताओं ने कहा कि शासन-प्रशासन और सरकार जनहित के मुद्दे पर उदासीनता बरत रही है। जिस कारण आज व्यापार मंडल और समस्त सामाजिक संगठनों के आह्वान पर अल्मोड़ा में बाजारबंदी की गई। इस दौरान समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान, मॉल, फड़ आदि भी बंद रहे।

तहसील को मल्ला महल वापस लाने की मांग
तहसील को मल्ला महल वापस लाने की मांग

वक्ताओं ने कहा कि व्यापार मंडल एवं स्थानीय जनता लगातार तहसील को पुनः नगर में उसकी पुरानी जगह में वापस लाने की मांग को लेकर आंदोलनरत है, लेकिन प्रदेश सरकार लगातार इस मामले की अनदेखी कर रही है। जो कि प्रदेश सरकार की जनता के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है। लगातार मांग उठने के बावजूद प्रशासन झूठे आश्वासन और कोरे वादों के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। तमाम प्रकार के हस्ताक्षर अभियान, धरना-प्रदर्शन, मशाल जुलूस, ज्ञापनों, समर्थन पत्रों के माध्यमों से प्रशासन को लगातार आम जनमानस को तहसील के दूर जाने पर हो रही परेशानियों से अवगत करवाने के बाद भी जनता की मांग की अनदेखी की जा रही है।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार के इस तुगलकी फरमान से जनता परेशान होकर धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है। आम जनता, पेंशनर्स, वरिष्ठ नागरिकों को नगर से पांच किलोमीटर दूर तहसील, ट्रेजरी और रजिस्ट्रार कार्यालय जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। तहसील को नगर के मध्य में ही होना चाहिए, क्योंकि जनता के अधिकारियों को जनता के बीच मे होना चाहिए।

सरकार ने कलक्ट्रेट सहित तहसील को नगर से पांच किलोमीटर दूर करने से पहले वरिष्ठ नागरिकों, बुजुर्गों तक के बारे में नहीं सोचा। आज आलम यह है कि पेंशनर्स को अपना जीवित प्रमाण पत्र देने के लिए पांडेखोला से भी दूर जाना पड़ रहा है। जहां आने-जाने के लिए सरकार द्वारा इन पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाला गया है। साथ ही सम्मानित वरिष्ठजनों का पूरा दिन खराब होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आम जन को यदि अपना एक शपथ पत्र भी बनवाना है तो उसके लिए भी इतने दूर जाना पड़ रहा है।

जिला प्रशासन ने पांडेखोला कलक्ट्रेट तक मात्र एक मिनी बस लगाकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली, लेकिन इससे जनता की समस्याओं का समाधान होने वाला नहीं है। तहसील के दूर स्थानांतरित होने से जहां आम जनता परेशान है। वहीं इसका नगर के व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी व्यापारी कोरोना काल में हुए बेहद आर्थिक नुकसान से भी नहीं उबर पाये थे और ऐसे में कलेक्ट्रेट/तहसील को नगर से स्थानांतरित कर देना बेहद असंवेदनशीलता का प्रमाण है। राज्य सरकार से कड़े शब्दों में मांग की है कि तहसील को पुनः उसकी पुरानी जगह मल्ला महल में स्थानांतरित किया जाए।

जन सभा में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, उपपा के प्रदेश अध्यक्ष पीसी तिवारी, पूर्व पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी, हिंदू सेवा समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह कार्की, अधिवक्ता और दर्जा मंत्री केवल सती, रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन मनोज सनवाल, एक्स आर्मी संगठन के अध्यक्ष सूबेदार आनंद सिंह बोरा, छात्र संघ अध्यक्ष पंकज सिंह कार्की, सचिव गौरव भंडारी, वरिष्ठ नेता अहख्तर हुसैन, फड़ एसोसियेशन अध्यक्ष नवीन चंद्र, उतराखंड क्रांति दल से भानु जोशी, देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के राजपाल पवार, पूर्व सभासद किशन लाल, कैमिस्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष आशीष वर्मा ने विचार रखे।

इस मौके पर व्यापार मंडल के पूर्व जिलाध्यक्ष नगर अध्यक्ष सूरज साह के निधन पर सभी आंदोलनकारी द्वारा दो मिनट का शोक व्यक्त किया गया। संचालन व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील साह ने किया। आंदोलन में व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष किशन गुरूरानी, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष दिनेश गोयल, जन अधिकार मंच के त्रिलोचन जोशी, टैक्सी यूनियन के सचिव नीरज पवार, सभासद सचिन आर्या, सभासद राजेश अलम्या, सभासद जगमोहन बिष्ट, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीताम्बर पांडे, छात्र नेता भूपेंद्र भोज गुड्डू, उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष दिनेश जोशी, ग्राम प्रधान राजेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह बिष्ट, सचिव कैमिस्ट एसोसियेशन गिरीश उप्रेती, पूर्व प्रधान हरीश कनवाल, पूर्व सभासद सरिता आर्य, व्यापार मंडल पूर्व अध्यक्ष भैरव गोस्वामी, गिरीश धवन, प्रमोद कुमार भीमा, व्यापार के पूर्व सचिव दीप जोशी, पूर्व उपाध्यक्ष मोहन कनवाल, पूर्व उपसचिव हिमांशु कांडपाल एडवोकेट मोहन देवली, पूर्व व्यापार मंडल उपाध्यक्ष मुमताज कश्मीरी, पूर्व सभासद अशोक पांडे, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, प्रत्येश पांडे, सचिव मयंक बिष्ट, महिला उपाध्यक्ष अनीता रावत, कोषाध्यक्ष कार्तिक साह, उपसचिव राहुल बिष्ट, अमन नज्जौन, छात्र संघ उपाध्यक्ष पंकज फर्तियाल, छात्रा उपाध्यक्ष रुचि कुटोला, कोषाध्यक्ष अमित फार्तियाल, उपसचिव करिश्मा तिवारी, सांस्कृतिक संयोजक नितिन रावत, नगर अध्यक्ष पूरन रोतेला, पूर्व सचिव वैभव पांडे, शहजाद कश्मीरी, कुमुद भट्ट, मो. बिलाल, पवन साह, आशु गोस्वामी, बलवंत सिंह राणा, दीपक साह, दीपक नायक, तारु जोशी, परितोष जोशी, मनोज बिष्ट, भुवन पांडे, मनोज वर्मा, संजय पांडे, मनोज जोशी, मनोज वर्मा कांची, प्रकाश रावत, प्रकाश तिवारी, गोपाल चम्याल, नरेंद्र कुमार विक्की, हिंदू जागरण के पूर्व अध्यक्ष अभय साह, सामाजिक कार्यकर्ता अमन अंसारी, विवेक वर्मा, अनिल वर्मा, दीपक वर्मा, भुवन तिवारी, तरुण धवन, मुकेश जोशी, संजय कुमार, व्योम धानिक, दीपू लोहनी, शोबन सिंह, अजीम अंसारी, असलम, दाबिर सिद्दकी, दानिश सिद्दकी, वासिफ सिद्दकी, मंजुल मित्तल, कृष्णा सिंह, करण जोशी, दीवान सिंह, उज्वल सहित व्यापारी जन शामिल रहे।

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