अल्मोड़ा: क्षय रोग को लेकर ग्रामीणों को किया जागरूक

👉 हवालबाग ब्लाक के मैचोड़ में ‘मेरा गांव—टीबी मुक्त’ शिविर👉 बीपी, शुगर व वजन जांचा, बलगम कंटेनर वितरित किए सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिला मुख्यालय के…

क्षय रोग को लेकर ग्रामीणों को किया जागरूक

👉 हवालबाग ब्लाक के मैचोड़ में ‘मेरा गांव—टीबी मुक्त’ शिविर
👉 बीपी, शुगर व वजन जांचा, बलगम कंटेनर वितरित किए

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिला मुख्यालय के निकटवर्ती विकासखंड हवालबाग अंतर्गत ग्राम सभा मैचोड़ में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत ‘मेरा गांव—टीबी मुक्त’ शिविर आयोजित हुआ। जिसमें टीबी के लक्षण बताते हुए उपचार के बारे में समझाया और संकल्प लिया कि टीबी रोगियों की पहचान के लिए टीबी मुक्त पंचायत अभियान चलेगा। शिविर में ग्रामीणों का ब्लड प्रेशर व शुगर जांच के साथ ही वजन मापा गया और बलगम कंटेनर व जागरूकता संबंधी पर्चे वितरित किए गए।

स्वास्थ्य शिविर में कम्युनिटी हैल्थ आफिसर डीनापानी नेहा पंत ने ग्रामीणों का ब्लडप्रेशर, मधुमेह और वजन की जांच की। इस मौके पर ग्रामीणों को जागरुक करने संबंधी पर्चे व बलगम कंटेनर वितरित किए गये। हवालबाग सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रंजन तिवारी ने बताया कि टीबी संक्रमण रोकने के लिए मरीजों की जल्दी पहचान व उपचार शुरू होना जरूरी है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रांशु डेनियल ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान में शहरी क्षेत्र एवं उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में माइक्रो प्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी।

वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक आनन्द सिंह मेहता ने ग्रामीणों को क्षय रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, बलगम में खून आना, भूख में कमी, लगातार वजन कम होना, सीने में दर्द होना, दो हफ्ते से ज्यादा रुक रुककर बुखार आना इत्यादि होने पर जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी रोग की पुष्टि होने के 48 घंटे में रोगी का नि:शुल्क उपचार शुरू कर करते हुए उसे निक्षय पोषण योजना से लिंक किया जाएगा। रोगी को बेहतर पोषण के लिए 500 रुपये की धनराशि प्रत्येक माह मरीज के बैंक खाते में मिलेगी। श्री मेहता ने कहा कि टीबी रोग को जड़मूल से खत्म करने के लिए सामूहिक संकल्प के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा। ग्राम प्रधान प्रदीप मेहता, करम सिंह, बहादुर सिंह, विनोद सिंह, मनोज कुमार, राजेन्द्र सिंह, भारती मेहता, दया मेहता, जानकी मेहता, ललीता देवी आदि समेत कई ग्रामीण शिविर में शामिल हुए।

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