उत्तराखंड : सिलेंडर फटने से घर में लगी आग, 4 बच्चियों की जिंदा जलकर मौत

देहरादून | उत्तराखंड के देहरादून जिले के पछवादून में एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां LPG रसोई गैस सिलेंडर के फटने की वजह चार मंजिला…

उत्तराखंड : सिलेंडर फटने से घर में लगी आग, 4 बच्चियों की जिंदा जलकर मौत

देहरादून | उत्तराखंड के देहरादून जिले के पछवादून में एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां LPG रसोई गैस सिलेंडर के फटने की वजह चार मंजिला मकान में भीषण आग लग गई। घर में आग लगने की वजह से चार मासूम बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गई।

घटना के बाद फायर ब्रिगेड मौके पर आग पर काबू पाने के लिए पहुंची। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया गया। वहीं, लोगों ने आरोप लगाया कि घटना स्थल पर पहुंची फायर बिग्रेड में पर्याप्त पानी नहीं था, जिसकी वजह से आग पर काबू पाने पर काफी देर हुई।

मिली जानकारी के मुताबिक, त्यूणी में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत कर्मचारी सूरतराम जोशी का लकड़ी का चार मंजिला घर सड़क के किनारे स्थित है। इसमें मकान मालिक के साथ ही पांच परिवार किराये पर रहते हैं।

गुरुवार देर शाम करीब चार बजे चौथी मंजिल में रहने वाले एक घर में रसोई गैस सिलेंडर में गैस समाप्त होने पर परिजन सिलेंडर बदल रहे थे। नया सिलेंडर लीकेज जोने से अचानक सिलेंडर में आग लग गयी। जिसके चलते सिलेंडर फट गया और पूरे मकान में आग लग गयी। देखते ही देखते मकान धू-धूकर जलने लगा। पूरे मकान में धुंआ फैल गया। जिससे कहीं कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। चौथी मंजिल में तीन परिवार रहते हैं। मकान में आग लगने से चार बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गयी। बच्चों के मां बाप किसी तरह से बचकर बाहर निकल आये और आग में फंसे अपने बच्चों को तलाशते रहे।

इस दौरान चौथी मंजिल में रहने वाले परिवारों में अफरा तफरी मच गयी। सभी अपनी-अपनी जान बचाकर भागने लगे। जिसमें रहने वाले तीनों परिवारों के बडे तो बच निकले। एक महिला अपने बच्चे को किसी तरह से बचाकर बाहर ले आयी। हालांकि इस दौरान बच्चे को बचाने में महिला खुद बुरी तरह से झुलस गयी। लेकिन चार बच्चियां आग में फंस गयी।

चारों बच्चियों की आग में जिंदा जलकर मौत हो गयी। जिनमें सोनम नौ वर्ष, रिद्धी दस वर्ष, मिष्टी पांच वर्ष व सेजल ढाई वर्ष शामिल हैं। एसडीएम कालसी, सीओ विकासनगर, एसपी देहात सहित पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे।

लोगों में भारी आक्रोश

वहीं दमकल विभाग व स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा दमकल विभाग के कर्मियों पर फूट पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पहले से पानी भरा होता और समय पर टीम मौके पर पहुंचती तो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।

उधर पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उधर फायर मोरी व रोहडू से फायर ब्रिगेड की गाडियां आकर आग बुझाने में लगी हैं। हिमाचल प्रदेश से पंप मंगाकर टौंस नदी से पानी को सीधे पंप कर आग बुझाने का काम किया जा रहा है। इसके बावजूद आग इतना भीषण रूप ले चुकी है कि देर रात नौ बजे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

दमकम गाड़ियों के पास नहीं था पर्याप्त पानी

रसोई गैस फटने की वजह से घर में आग लगने के बाद इलाकों में अफरा-तफरी मच गई थी। लोग आग बुझाने का भरपूर प्रयास कर रहे थे। लोगों का आरोप था कि आग लगने की सूचना देने के करीब-करीब आधे घंटे बाद दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची थी। आरोप है कि दमकम गाड़ी में आग पर काबू पाने के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं था।

मोरी, रोहड़ू से आए फायर ब्रिगेड के वाहन

त्यूणी में तैनात फायर ब्रिगेड के वाहन में पानी समाप्त होने के बाद स्थानीय लोगों ने उत्तरकाशी के मोरी और हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू में सूचना दी, जिसके बाद वहां से फायर ब्रिगेड के वाहन घटनास्थल पर पहुंचे। दोनों वाहनों के पहुंचने के बाद मझोग से पानी भरकर त्यूणी फायर ब्रिगेड का वाहन भी पहुंच गया। लेकिन तब तक आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि आग पर नियंत्रण पाने में पांच घंटे लग गए।

लगातार हो रहे धमाकों से मची दहशत

चार मंजिला मकान के चौथी मंजिल पर चार परिवार रहते हैं। बताया जा रहा है कि एक परिवार के सिलेंडर में आग लगी, जिसके बाद आग ने बढ़ती गई और अन्य परिवारों के रसोई तक पहुंचने लगी, जिससे एक के बाद एक सिलेंडर फटते गए। बताया जा रहा कि मकान से लगातार हो रहे धमाकों से दहशत मच गई, जिसके चलते कोई भी घर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया और घर के अंदर मौजूद चारों नौनिहाल जिंदा जलकर राख हो गए।

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