उत्तराखंड : पूर्व IFS अफसर किशन चंद गाजियाबाद से गिरफ्तार

देहरादून| निलंबित आईएफएस और हरिद्वार के पूर्व डीएफओ किशन चंद की गिरफ्तारी विजिलेंस के लिए टेढ़ी खीर थी। इसके लिए हरिद्वार पुलिस की मदद से…

उत्तराखंड : पूर्व IFS अफसर किशन चंद गाजियाबाद से गिरफ्तार

देहरादून| निलंबित आईएफएस और हरिद्वार के पूर्व डीएफओ किशन चंद की गिरफ्तारी विजिलेंस के लिए टेढ़ी खीर थी। इसके लिए हरिद्वार पुलिस की मदद से एक ओर उनके घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दबाव बनाया गया, वहीं वेस्ट यूपी के जिलों में दबिश दी गई। उनकी लोकेशन गाजियाबाद में मिली तो टीम तत्काल रवाना की गई। शुक्रवार को गाजियाबाद के वैशाली स्थिति मैक्स अस्पताल परिसर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

किशन चंद उत्तराखंड के चर्चित और कांग्रेस पार्टी के बेहद नजदीकी रहे रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी हैं। उन पर बतौर डीएफओ रहने के दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज के मोरघट्टी और पाखरो में अवैध तरीके निर्माण कराने, हरे पेड़ों के कटान, सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को भुगतान करने के आरोप हैं। आरोपों के मामले में शासन ने उनको निलंबित कर दिया था। हल्द्वानी विजिलेंस जांच कर रही थी और विजिलेंस कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी के गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। किशन चंद हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं।

विजिलेंस की ओर से हरिद्वार पुलिस से भी किशन की गिरफ्तारी की मदद मांगी गई थी। हरिद्वार पुलिस और एलआईयू उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके घर की निगरानी कर रही थी। किशन चंद के घर और स्टोन क्रशर की कुर्की की मुनादी कराए जाने के बाद हरिद्वार पुलिस भी संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। उनके घर ज्वालापुर और पथरी स्थित उनके स्टोन क्रशर की कुर्की के बीते दिन मुनादी कर नोटिस चस्पा किए गए।

गिरफ्तारी से बचने के लिए ली थी अखाड़े की शरण

गिरफ्तारी से बचने के लिए ही किशन चंद्र ने श्री गुरु रविदास अखाड़े की शरण ली थी। गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद अखाड़े ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि घोटाला सामने आने के बाद ही उन्हें अखाड़े में महामंत्री बनाया गया था।

जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं उनकी पत्नी

किशन चंद की पत्नी 26 अगस्त 2000 से 21 सितंबर 2002 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। ज्वालापुर विधानसभा से एक बार कांग्रेस और एक बार निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, नहीं जीत सकी। 2022 के विधानसभा चुनाव में किशन चंद्र ने ज्वालापुर से कांग्रेस के टिकट से दावेदारी की थी, लेकिन टिकट कटने के बाद चुनाव नहीं लड़ा।

सिक्किम में उत्तराखंड का लाल रविन्द्र सिंह थापा शहीद, धारचूला में होगी अंत्येष्टि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *