उत्तराखंड : पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार सिंह फोनिया का निधन

देहरादून| भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे केदार सिंह फोनिया का निधन हो गया। केदार सिंह फोनिया उत्तराखंड बीजेपी…

उत्तराखंड : पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार सिंह फोनिया का निधन

देहरादून| भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे केदार सिंह फोनिया का निधन हो गया। केदार सिंह फोनिया उत्तराखंड बीजेपी के बड़े नेता थे और केदारघाटी में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी। वह बद्रीनाथ विधानसभा के पूर्व विधायक भी रह चुके हैं।

अविभाजित यूपी में वो कल्याण सिंह की सरकार में पर्यटन मंत्री रहे। केदार सिंह फोनिया के समय में ही राम मंदिर के लिए बड़ी भूमि पर अधिग्रहण किया गया था। इस फाइल पर केदार सिंह फोनिया के ही दस्तखत थे।

केदार सिंह फोनिया के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश ने एक कुशल नेता व प्रशासक खो दिया है।

मुख्यमंत्री ने लिखा कि, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री केदार सिंह फोनिया जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। भगवान दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिवार को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति: शांति: शांति:

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने लिखा, बद्रीनाथ विधानसभा के पूर्व विधायक, उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता आदरणीय श्री केदार सिंह फोनिया जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ । भगवान बद्रीनाथ पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
ॐ शांति।

केदार सिंह फोनिया राज्य निर्माण से पहले इन वर्षों में विधायक बने-

➡️ केदार सिंह फोनिया-1991-बीजेपी
➡️ केदार सिंह फोनिया-1993- (उपचुनाव)बीजेपी
➡️ केदार सिंह फोनिया- 1996 – बीजेपी।

वहीं राज्य निर्माण के बाद भी केदार सिंह फोनिया 2007 में बीजेपी के टिकट से जीत कर आए। हालांकि 2012 में उन्हे टिकट नहीं दिया गया तो वो नाराज हो गए थे और पार्टी छोड़ दी थी। केदार सिंह फोनिया ने उत्तराखंड रक्षा मोर्चा से चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव हार गए। इसके बाद वो आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए थे। 2014 में फोनिया ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े। डॉ. हरक सिंह रावत के समर्थन में खंडूड़ी के खिलाफ प्रचार भी किया था। इसके बाद वो अप्रैल 2019 में फिर से बीजेपी में शामिल हुए।

केदारनाथ रोपवे को मिली मंजूरी, 30 मिनट में पूरी होगी आठ घंटे की दूरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *