त्रिवेंद्र रावत ने संसद में उठाया अवैध खनन का मुद्दा; बोले- लोकल प्रशासन की मदद से ओवरलोड भरे जा रहे ट्रक

नई दिल्ली/देहरादून | हरिद्वार से लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में अवैध खनन का मुद्दा उठाया। सदन में उन्होंने कहा कि हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में रात के समय अवैध खनन किया जा रहा है। यह पर्यावरण और कानून व्यवस्था के लिए खतरा बनता जा रहा है।
सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी खनन माफिया लगातार अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने सदन में साफ कहा कि ओवरलोडिंग और रात के समय अवैध खनन के ट्रैकों के संचालित होने से सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है इससे कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से टास्क फोर्स गठन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग रोकने के लिए सभी मुख्य मार्गों पर चेक पोस्ट लगाए जाएं और दोषी ट्रक मालिकों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सदन में यह भी कहा कि लोकल प्रशासन की मिलीभगत से ये गतिविधियां बढ़ रही है।
अवैध खनन गतिविधि में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। ट्रैकों में भारी मात्रा में ओवरलोडिंग की जाती है। बिना किसी वैध अनुमति के खनिजों का परिवहन किया जाता है। जिससे प्रदेश में सड़कों फूलों और बुनियादी ढांचे की क्षति हो रही है। साथ ही आम नागरिकों के लिए आवागमन कठिन हो गया है।
सचिव खनन बृजेश संत को देनी पड़ी सफाई
सदन में उठाए गए सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस मुद्दे के बाद उत्तराखंड सरकार में भी खलबली मचनी शुरू हो गई है। इससे पहले भी उन्होंने सदन के अंदर खनन से संबंधित मुद्दा उठाया था, धामी सरकार उस वक्त भी असहज थी। अब फिर सदन में खनन से संबंधित मुद्दा उठाए जाने के बाद धामी सरकार की टेंशन बढ़ गई है।
जिसके बाद सचिव खनन बृजेश संत ने स्पष्टीकरण दिया उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन गतिविधियां बिल्कुल भी संचालित नहीं है। राज्य में अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन से लेकर अब तक खनन से राज्य को सबसे ज्यादा आय हुई है। यह सब अवैध खनन पर रोक लगाने के कारण ही हुआ है। राज्य सरकार ने खनन के लिए पारदर्शी नीति बनाई है।
Uttarakhand | The mining secretary has opposed the statement of former CM Trivendra Singh Rawat on illegal mining and said that since the formation of the state from 2002 to 2025, the state never received revenue of Rs 200 crore from mining, but by curbing illegal mining, the…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 28, 2025