अल्मोड़ा/बागेश्वर: ट्रेनीज छात्राओं ने समझे रैबीज के नुकसान व उपचार

👉 एएनएम ट्रेनिंग सेंटर अल्मोड़ा व काफलीगेर में विश्व रैबीज दिवस पर कार्यक्रम सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: एनआरसीपी कार्यक्रम के अंतर्गत आज विश्व रैबीज दिवस पर…

ट्रेनीज छात्राओं ने समझे रैबीज के नुकसान व उपचार

👉 एएनएम ट्रेनिंग सेंटर अल्मोड़ा व काफलीगेर में विश्व रैबीज दिवस पर कार्यक्रम

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: एनआरसीपी कार्यक्रम के अंतर्गत आज विश्व रैबीज दिवस पर एएनएमटीसी पातालदेवी अल्मोड़ा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रशिक्षणरत छात्राओं को पालतू पशुओं व कुत्तों के काटने से रैबीज बीमारी के फैलने, नुकसान व उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरसी पंत, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. कमलेश जोशी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम हुआ। जिसमें इन अधिकारियों ने प्रशिक्षणरत छात्राओं व स्टाफ को रैबीज बीमारी होने के कारण, उपचार, नुकसान व सावधानियों से रूबरू कराया। इस मौके पर ट्यूटर योगेश जोशी, काउंसलर भगवत मनराल, डीपीएस मनोज रावत, प्रोग्राम एसोसिएट निशा फर्त्याल आदि शामिल रहे।
बागेश्वर के काफलीगैर में कार्यक्रम

बागेश्वर: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काफलीगैर में विश्व रेबीज दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम आल फार वन, वन हेल्थ फार आल थी। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आशुतोष का कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने ग्रामीणों को रेबीज वैक्सीनेशन और उपचार संबंधित जानकारी प्रदान की। डा. आशुतोष ने कहा कि दुनिया भर में 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। पहली बार 2007 में वर्ल्ड रेबीज डे मनाया गया। इसी दिन फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलाजिस्ट लुइस पाश्चर की मृत्यु हुई थी।उन्होंने 1885 में पहली बार रेबीज की वैक्सीन को विकसित किया था। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य चंदन रावत, फार्मासिस्ट दीपक सिंह और ग्रामीण उपस्थित थे।

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