आज ‘माले’ ने मनाया राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस

जगमोहन रौतेला
हल्द्वानी। “राहत पैकेज के नाम पर धोखा क्यों?, प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत क्यों?, क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर यातनागृह क्यों? मोदी सरकार जवाब दो की मांग के साथ भाकपा (माले) का 19 मई 2020 को राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध कोरोना लॉकडाउन प्रावधानों का पालन करते हुए घरों, गांव, मुहल्ला, गली, खेत, कार्यालयों में धरना देकर किया। यह जानकारी भाकपा (माले) के उत्तराखंड राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने दी।” उन्होंने कहा कि, “कोरोना लॉकडाउन देश के कामगारों के लिए यातना शिविर में बदल गया है।
आए दिन सड़क हादसों में कामगारों की हो रही दर्दनाक मौतें हों या क्वारंटीन सेटरों में उनकी दुर्दशा यह सब इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार की नजर में राष्ट्रनिर्माता करोड़ों कामगार मात्र गुलाम हैं। ऊपर से 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज भी इन कामगारों के घाव में नमक छिड़कने जैसा है।”
राजा बहुगुणा ने कहा कि, “मोदी सरकार में जरा भी शर्म होती तो वह कामगारों की जेब मे सीधे पैसा डालती और उन्हें आवश्यक राशन देती लेकिन पूरा सरकारी तंत्र उन्हें भूख और मौत की तरफ धकेल रहा है और मोदीजी कोरोना को एक अवसर मानते हुए निजीकरण, निगमीकरण करते हुए रक्षा क्षेत्र में विदेशी पूंजी की लूट को परवान चढ़ा रहे हैं। यह देश का मेहनतकश व देशभक्त तबका कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है।” उन्होंने कल 19 मई के देशव्यापी विरोध दिवस पर सभी लोकतांत्रिक प्रगतिशील लोगों से मजदूरों के पक्ष में भागीदारी की अपील की।