बरेली। संरक्षा को और सुदृढ़ बनाने के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे नए-नए प्रयोग कर रहा हैं। रोबोटिक विधि से सी. एम. एस. क्रासिंग का अनुरक्षण किया जा रहा है। सी. एम. एस. क्रासिंग को स्टेशन यार्डों में लगाया जाता है यह पॉइंट और क्रासिंग का एक पार्ट है जिसके माध्यम से ट्रेन एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर मुड़ती है। ट्रेनों के संरक्षित संचालन में इस कॉम्पोनेन्ट का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में इसका उत्कृष्ट अनुरक्षण बेहद आवश्यक है।
पहले इस कार्य को करने के लिए क्रासिंग को बाहर निकालना पड़ता था उसके बाद बाहर में इसको ठीक किया जाता था। जिसमें एक बार ट्रैफिक ब्लॉक कर के क्रासिंग को निकाल कर दूसरी क्रासिंग लगाना पड़ता था और रिपेयर करने के बाद पुनः पुरानी क्रासिंग को निकाल कर अनुरक्षित की हुई क्रासिंग लगाई जाती थी जिसके लिए पुनः ट्रैफिक ब्लॉक लिया जाता था।
लेकिन इस तकनीकि के प्रयोग से इसको ऑन-ट्रैक ही ठीक कर लिया जा रहा है। जिससे एक ओर मैन पावर की बचत हो रही है वहीं दूसरी ओर रेलवे राजस्व की भी बचत हो रही है। इस विधि के प्रयोग से अब दो बार ट्रैफिक ब्लॉक लेने की आवश्यकता भी नही रहेगी जिससे ट्रेनों का समयपालन और बेहतर हो सकेगा।