BageshwarBreaking NewsUttarakhand

Big Breaking: बागनाथ की नगरी में चहुंओर सुलगी आंदोलन की चिंगारी, जगह—जगह गूंज रहे तीखे स्वर


  • विभिन्न संगठन व लोग अपनी—अपनी पीड़ा लेकर मांग रहे न्याय

    दीपक पाठक, बागेश्वर
    बागेश्वर जिला मुख्यालय पर इस बीच आंदोलनों की बाढ़ आ गई है। यत्र—तत्र अपने—अपने दुखड़े व मांगों को लेकर लोग आंदोलन की राह पकड़े हुए हैं। कहीं धरना व सभा, तो कहीं नारेबाजी व प्रदर्शन के जरिये संगठन अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यहां चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं), जिला पंचायत के नौ सदस्य, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के संविदा कर्मचारी, कलाकार व मंडलेसरा के लोग अलग—अलग जगहों आंदोलित रहे।

चतुर्थ श्रेणी कर्मी गुस्साए
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं) बागेश्वर इस बात को लेकर आंक्रोशित है कि संघ की समस्याएं लंबित ही रह गई। अब संघ ने गुरुवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आमरण अनशन का कदम उठाया जाएगा। गुरूवार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सीएमओ दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने नारेबाजी के साथ धरना दिया और क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। संघ द्वारा पदोन्नति, हाईस्कूल से कम शैक्षिक योग्यता रखने वाले कर्मचारियों को तकनीशियन घोषित करने और 4200 रुपये ग्रेड पे देने की मांग उठाई जा रही है। उन्होंने कहा कि लगातार उनकी मांगों की अनसुनी की जा रही है।

धरना प्रदर्शन में अजय प्रकाश, कंचन कुमार, देवेंद्र सिंह, मनोहर लाल, निर्मल कुमार, राजा कुमार, प्रमोद कुमार, नवीन चंद्र आदि मौजूद थे। इधर, फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पीएस शाही, वाहन चालक संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश धर्मशक्तू ने आंदोलन को समर्थन दिया।
जीतनगर में गूंजे स्वर

जीतनगर में आंदोलन करते मंडलसेरावासी।

मंडलसेरा के जीतनगर में सड़क व पुल के निर्माण और गंदे पानी की निकासी की मांग को लेकर क्षेत्रवासी धरने पर डटे हैं। आज जन जागृति समूह के अध्यक्ष प्रताप सिंह भंडारी के नेतृत्व में वरिष्ठ नागरिकों ने धरना दिया। इस मौके पर नारेबाजी करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 17 दिन बाद भी शासन-प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। दो टूक चेतावनी दी कि यदि अविलंब उनकी मांगों पर गौर नहीं फरमाया, तो वे विधायक का घेराव करेंगे। यह भी तय हुआ कि एक शिष्टमंडल 29 अगस्त को विधायक से मिलेगा।

यदि उनकी मांग पर सकारात्मक विचार नहीं होता है तो वह घेराव, पुतला दहन, चक्काजाम और आमरण अनशन तक करेंगे। इस दौरान कैलाश जोशी, नरेंद्र सिंह मेहता, शंकर दत्त जोशी, भूपाल सिंह रौतेला, प्रताप सिंह खेतवाल, हयात सिंह, राजेंद्र सिंह मेहता, शंकर सिंह, मंजू मेहता, विमला जोशी, भावना जोशी, नीमा दानू, शांति मेहता, हेमा देवी, देवकी देवी, भागुली देवी, हंसी साह, निर्मला रावत, कलावती भट्ट, कला देवी आदि मौजूद थे।
आक्रोशित कलाकारों का प्रदर्शन

एसडीएम को ज्ञापन सौंपते नाराज कलाकार।

ठेकेदारी प्रथा पर नुक्कड़ नाटक कराने का कुमाऊं कलाकार महासंगठन बागेश्वर ने विरोध किया है। तहसील परिसर में प्रदर्शन किया और कलाकारों ने पंजीकृत दलों को कार्यक्रम करने का मौका देने की मांग उठाई। उन्होंने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें शीघ्र मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

संगठन के लोग गुरुवार को तहसील परिसर में पहुंचे। यहां जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उपजिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कलाकारों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के दलनायकों एवं कलाकरों का सामूहिक संगठन है। कई सालों से लोक कलाकारों के हितों में काम करते आ रहा हैं। उन्हें समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ है कि सरकार सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से करने जा रही है। इसके लिए उन्होंने आनलाइन ई-निविदा आमंत्रित की है। जो न्याय संगत नहीं है।

उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और इसे कलाकारों का अपमान बताया। उन्होंने फैसला वापस लेने की मांग की। इस मौके पर आनंद प्रसाद गड़िया, भाष्करानंद तिवारी, जगदीश चंदोला, नरेंद्र कुमार, अर्जुन देव, गणेश अरोरा, कमल किशोर, बलदेव प्रसाद, भवान राम, धनी राम आदि मौजूद थे।
35वें दिन भी कार्य बहिष्कार

जिला सैनिक कल्याण बोर्ड में नारेबाजी करते संविदा कर्मी।

जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के संविदा कर्मचारी भी आंदोलन पर अडिग हैं। उन्होंने गुरुवार को प्रदर्शन किया। वह सातवां वेतनमान देने और विभागीय संविदा पर लेने की मांग कर रहे हैं।

सैनिक कल्याण कार्यालय परिसर पर कर्मचारियों ने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि 35 दिनों से वह कार्य बहिष्कार पर हैं। जिससे पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्हें कार्यालय के कई चक्कर भी काटने पड़ रहे हैं। जिले में लगभग दस हजार से अधिक पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर कर्मचारी पूर्व सैनिक ही हैं। उन्हें विभागीय संविदा देने के बजाए उपनल आदि के जरिए तैनाती दी गई है। जिसके कारण उन्हें सरकारी कर्मचारियों के लाभों से वंचित होना पड़ रहा है। सातवां वेतनमान नहीं मिलने पर उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।

उन्होंने कहा कि यदि उनकी दोनों मांगें पूरी नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस दौरान कमला तिवारी, सोबन सिंह, जगदीश सिंह, दीप चंद्र बिष्ट, मनोज कुमार आदि मौजूद थे।
धरने पर जिला पंचायत सदस्य

धरने पर डटे नौ जिला पंचायत सदस्य।

जिला पंचायत के नौ सदस्य जिला पंचायत परिसर में चल रहा धरना जारी है। आंदोलित सदस्यों ने आज भी नारेबाजी के साथ धरना दिया। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के बाद ही वह आंदोलन से उठेंगे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में चल रहे धरने के दौरान सभा में वक्ताओं ने कहा कि शासन-प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है, क्योंकि भ्रष्टाचार को लेकर आंखें मूंद ली हैं। इस मौके पर हरीश ऐठानी, वंदना ऐठानी, सुरेंद्र खेतवाल, गोपा धपोला, पूजा आर्या, इंद्रा परिहार, रूपा कोरंगा, रेखा देवी आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती