सीएनई रिपोर्टर
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के प्रभाव ने एक ऐसी थ्योरी प्रस्तुत की है, जो बेहद चिंता में डालने वाली बात है। महज 20 दिनों के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करने पर कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं, जिन्होंने कोरोना को लेकर सारे मिथक तोड़ कर रख दिये हैं।
चलिए, आप स्वयं मंथन कीजिए कि कोरोना से सबसे अधिक किस आयु वर्ग के लोगों को खतरा अधिक है। जाहिर सी बात है कि एक आम इंसान की तरह आप भी यह मानेंगे कि कोरोना की दूसरी लहर में कमजोर शरीर वाले प्रभावित होंगे। यानी वह वृद्ध लोग होंगे, जिनकी आयु 70, 80 या 90 से अधिक है।
अब आप यह जान कर हैरान रह जायेंगे कि उत्तराखंड प्रदेश में कोरोना ने सबसे अधिक अपनी चपेट में वृद्धों को नही बल्कि युवाओं और अधेड़ों को लिया है। यानी जिनकी आयु 20 से 50 साल के बीच है, वह सबसे अधिक संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में सबसे कम आने वाले लोगों में 80 से 90 आयुवर्ग के वह बुजुर्ग हैं, जो उम्र की चौथी दहलीज में पहुंच चुके हैं।
इन सबमें भी सबसे अधिक डराने वाला तथ्य भी वह सामने आया है कि अब बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। शून्य से 9 आयु वर्ग के बच्चों में भी यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
हालांकि हम यहां कोई दावा नही कर सकते, लेकिन सच्चाई यह है कि जैसा कि देश भर के वैज्ञानिक दावा कर चुके हैं कोरोना की तीसरी लहर आ कर रहेगी। तो जिस तरह से बच्चे अब संक्रमण का शिकार होने लगे हैं, कहीं वह तीसरी लहर के आने की दस्तक तो नही है।
चलिए, अब आंकड़ों का अध्ययन आपके समक्ष प्रस्तुत करते हैं। इसके लिए हम 01 मई से 20 मई तक के प्राप्त सरकारी आंकड़ों की रिपोर्ट पेश कर रहे हैं —
सबसे अधिक कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों में 30 से 39 आयुवर्ग के लोग हैं, जिन्हें हम युवा वर्ग की श्रेणी में ही रख सकते हैं। इनकी संख्या 30 हजार 753 है।
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अब सबसे कम इसकी चपेट में आने वालों में 90 प्लस बुजुर्ग लोग हैं। जो कि उम्र की चौथी अवस्था में पहुंच चुके हैं। इनकी संख्या 20 दिनों में महज 139 है। वहीं 80 से 90 आयु वर्ग में 1500 लोग संक्रमित हुए हैं।
अब यदि बच्चों की बात करें तो शून्य से 9 आयु वर्ग में 2044 बच्चे संक्रमण की चपेट में आये। वहीं 10 से 19 आयु वर्ग में 8 हजार 661 बच्चों की रिपोर्ट विगत 20 दिन में कोरोना संक्रमित आई। यानी शून्य से 19 आयुवर्ग में 10 हजार 705 बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
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चलिए अब 20 से 29 आयु वर्ग के युवाओं का बताते हैं। इनमें 25 हजार 299 युवा कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
वहीं अधेड़ों में 40 से 49 आयु के 23 हजार 414 तथा 50 से 59 आयुवर्ग में 16 हजार 164 लोग सिर्फ 20 दिनों में कोरोना संक्रमित हुए हैं।
अब 50 से अधिक और 60 से नीचे वाले लोगों की रिपोर्ट देखें तो 16 हजार 164 तथा 60 से 69 आयुवर्ग में 10 हजार 218 लोग संक्रमित हुए हैं।
शेष रह गये 70 से 79 की आयु वर्ग में 4 हजार 757 लोग विगत 20 दिन में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
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निष्कर्ष : विस्तृत अध्ययन के बाद जो बात स्पष्ट होती है वह यह है कि बुजुर्गों का सबसे कम संक्रमित होने का कारण यही है कि अधिकांश बुजुर्ग घर पर ही रहकर अपना अधिक वक्त बिताते हैं। जबकि 20 से 50 आयु वर्ग के अधिकांश लोग रोजगार व अन्य कारणों से घर से बाहर अधिक वक्त बिताते हैं। जिस कारण यही आयु वर्ग सबसे अधिक संक्रमित हो रहा है।
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वहीं संक्रमण की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी एक गम्भीर खतरे की घंटी है। जिस पर चिकित्सा वैज्ञानियों को अब गम्भीरता से अध्ययन करना चाहिए। सरकारी मिशनरी को चाहिए कि वह इस कोरोना काल में कोरोना जांच बढ़ाये और बिना किसी संकोच के यथार्थ आंकड़े ही मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करे।
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