इन फरार बदमाशों की पुलिस को है तलाश, पकड़वाओ और 50 हजार इनाम पाओ

सीएनई रिपोर्टर उत्तराखंड में कई बड़े अपराधी लंबे समय से फरार चल रहे हैं और पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद…

सीएनई रिपोर्टर

उत्तराखंड में कई बड़े अपराधी लंबे समय से फरार चल रहे हैं और पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने अब ऐसे अपराधियों को पकड़वाने वाले को 50 हजार का इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सूचना देने वालों के नाम भी गुप्त रखे जायेंगे।

डीआईजी ने पहले चरण में कुमाऊं के 08 फरार अपराधियों की सूची भी जारी की है। जिन पर हत्या, हत्या का प्रयास, चोरी—लूट आदि के बड़े मामले दर्ज हैं। यह सभी लंबे समय से फरार चल रहे हैं।

यह है फरार अपराधियों की सूची —

⏩ अतुल बिष्ट, पुत्र कुंदन सिंह बिष्ट निवासी तल्लीताल नैनीताल. हल्द्वानी में धारा 307 के साथ-साथ कई और मामले दर्ज हैं.

⏩ किशोर राम, पुत्र भगवत राम निवासी चोपड़ा, रामनगर. रामनगर में धारा 302 के तहत मामला दर्ज है.

⏩ रजनीश सिंह, पुत्र महिपाल सिंह निवासी, बंधु नगर धामपुर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश. रामनगर में धारा 302 के तहत मामला दर्ज है.

⏩ प्रकाश चंद्र, पुत्र केशव दत्त पंत निवासी लोहाघाट जिला चंपावत. लालकुआं थाने में धारा 302 के तहत मामला दर्ज है.

⏩ बेलुवा, पुत्र मुस्तफा देवान निवासी पुरवाई टोला थाना घोड़ा हसन जिला पूर्वी चंपारण बिहार.हल्द्वानी थाने में धारा 457 380 411 तहत मामला दर्ज है.

⏩ रियाज, पुत्र जलालुद्दीन निवासी जोड़ा मंदिर घोड़ाहसन जिला पूर्वी चंपारण बिहार. धारा 357, 380, 411 हल्द्वानी थाने में मामला दर्ज है.

⏩ सुमित कुमार शर्मा उर्फ गौरव वार्ष्णेय, राकेश कुमार निवासी साईं कोचिंग सेंटर मुखानी हल्द्वानी. धारा 420 के तहत मुखानी थाना में मुकदमा दर्ज है.

⏩ रविंद्र सिंह, पुत्र स्वर्गीय बादल सिंह निवासी रंगपुरी महिपालपुर, थाना वसंत कुंज नई दिल्ली साउथ. काठगोदाम थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है.

डीआईजी कुमाऊं के अनुसार इन फरार अपराधियों की पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। जो कोई भी इनके बारे में बतायेगा, उसको इनाम दिया जाएगा। साथ ही उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि किसी भी आपराधिक मुकदमे में नाम आने पर पुलिस चार्जशीट तैयार करती है। आरोपितों को पुलिस के अलावा कोर्ट में भी पेश होना पड़ता। पेशी से गायब होने पर वांछित करार देकर गैर जमानती वारंट भी जारी होते हैं। जिसके बाद पुलिस का प्रयास रहता है कि हर हाल में आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए। पहले इन अपराधियों पर 25 हजार का इनाम था, जिसे बढ़ाकर अब 50 हजार कर दिया गया है।

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