बागेश्वर न्यूज : ढपटी—झांकरा सड़क को ताकते पथरा गई ग्रामीणों की आखें, पत्थर दिल हुक्मरानों के दिल नहीं पिघले

बागेश्वर। पहाड़ के लोगों की बदकिस्मती कहें या फिर सरकार की नाकामयाबी, सरकार किसी की भी हो कार्य करने की शैली कमोबेश एक जैसी ही…

बागेश्वर। पहाड़ के लोगों की बदकिस्मती कहें या फिर सरकार की नाकामयाबी, सरकार किसी की भी हो कार्य करने की शैली कमोबेश एक जैसी ही रहती है। ऊपर से प्रशासन का ढीला-ढाला रवैया। जिला मुख्यालय से मात्र 30-35 किमी दूर ढपटी-झांकरा निवासी आज भी रोड में डामरीकरण और मुआवजे का इंतजार कर रहें हैं।अनगिनत बार डीएम कार्यलय और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटते-काटते आश्वासन के सिवाए कुछ न मिला।10 साल पहले क्षेत्रीय जनता के काफी प्रयासों से लोक निर्माण विभाग कपकोट ने ढपटी- झांकरा मोटरमार्ग का निर्माण शुरू किया था । हैरत की बात तो यह है कि इस दौरान 4किमी रोड काटी गयी,जो अब तक भी निर्माणधीन ही है। न तो रोड में कलमट का निर्माण हुआ, न डामरीकरण हुआ और न ही रोड पर कोई सुरक्षा दीवार की व्यवस्था की गई है। विभागीय लापरवाही का आलम ये है कि अब लोगों के घर इस रोड की भू-स्खलन की जद में आने लगे हैं। ग्राम प्रधान झाकरा तनुजा देवी ने कहती हैं कि रोड और मुआवजा तो छोड़िए अब तो लोगों के घर और खेत भी रोड कटाव की जद में आने लगे हैं। कहा कि ग्रामीण काफी परेशान हैं और कोई सुनने वाला नहीं है। एक दशक में मात्र चार किमी रोड का निर्माण पूरा ना हो पाना बताता है कि पहाड़ में विकास के नाम पर मजाक के अलावा और कुछ नहीं हो रहा है।

5 साल में सरकार बदलती है,विधायक बदलते हैं,डीएम बदलते हैं,यहां तक की लोक निर्माण विभाग के अफसर भी बदलते हैं बस कुछ बदलता नहीं है तो सिर्फ पहाड़ में रहने वालों की किस्मत। दशकों तक विकास का इंतजार करते करते आंखें पथरा गई हैं ।

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