Bageshwar News: अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर जिला पंचायत सदस्य आंदोलन पर अडिग, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी का समर्थन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत के नौ सदस्यों का धरना 12वें दिन भी जारी रहा। उन्होंने जिला पंचायत की अनियमितताओं की जांच की मांग की। परिर्वतन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने सदस्यों का अपना समर्थन दिया और जिला प्रशासन से सदस्यों का सम्मान करते हुए जांच कराने की मांग की।
सोमवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में नौ सदस्य नारेबाजी के साथ धरना दिया। उन्होंने निदेशक पंचायतीराज को पत्र भेजा। कहा कि जिला पंचायत में नियोजन व अन्य समितियों का कार्यकाल छह जनवरी 2021 को समाप्त हो गया है। बार-बार समितियों का पुनर्गठन करने के लिए अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत और जिला पंचायत अध्यक्ष को कहा गया। लेकिन पंचायत अधिनियम का उल्लघन कर मनमाने ढंग से सदन को चलाया जा रहा है। सदन में समितयों के पुनर्गठन का कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है। जबकि बजट का गलत वितरण कर दिया गया है। 15 वें वित्त व राज्य वित्त की दो करोड़ अड्सठ लाख चौबीस हजार चार सौ चार रुपये वितरित कर दिए गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष ने 55 प्रतिशत बजट के विवेकानधीन रख दिया है। 15 वें वित्त की कार्ययोजना बिना सदस्यों से प्रस्ताव मांगे अपने कार्यकर्ताओं से कार्यों का प्रस्ताव मांगा गया और योजना अपलोड कर दी गई है। अधिकारों का गलत प्रयोग कर सदन में मात्र एक कर्मचारी के प्रमोशन का प्रस्ताव होने बाद भी दो अन्य का प्रमोशन कर दिया गया। सोबन सिंह जीना बहुउद्देशीय भवन में कमरा दिए जाने का प्रस्ताव किया गया था। जिसमें एक महिला का एकामत्र सीए धरीज कपकोट और एक कमरा पंकज कांडपाल को दे दिया गया। जिला पंचायत में कार्यरत स्थाई चालाक जिला पंचायत अध्यक्ष और एएमए का वाहन नहीं चला रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वाहन चला रहे हैं। नियमों के विरुद्ध टीएडीए निकलवाया जा रहा है। कर्मचारियों की संविदा समाप्त हो गई है। उसके बावजूद उनसे काम लिया जा रहा है। इस दौरान जिपंस हरीश ऐठानी, इंद्रा परिहार, रेखा देवी, गोपा धपोला, वंदना ऐठानी, सुरेश सिंह खेतवाल, रूपा देवी, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण आदि मौजूद थे।
पूर्व सीएम रावत का समर्थन
यहां चल रहे जिला पंचायत के 9 सदस्यों के आंदोलन को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि जिला पंचायत बागेश्वर के सदस्यगणों का एक समूह पिछले कई दिनों से धरने में बैठा हुआ है। जिला प्रशासन, राज्य सरकार और जिला पंचायत बागेश्वर को जगाने एवं न्याय मांगने के लिए है। उनकी सीधी सी मांग है कि जो बजट में हमारी पंचायतों का हिस्सा है वो हमारी पंचायतों को दिया जाय, बजट के बंटवारे में राजनीतिक भेदभाव नही होना चाहिए। जबकि बागेश्वर जिला पंचायत के अंदर धन आबंटन में पूरी तरीके से राजनीतिक भेदभाव किया जा रहा है ।जिन जिला पंचायतों का प्रतिनिधित्व विपक्ष के सदस्य कर रहे है। उनको धन आवंटित नही किया जा रहा है। जो लोकतंत्र का अपमान है।