बागेश्वर न्यूज: अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा कपकोट- पोलिंग- गेरखेत- हरसिला मोटर मार्ग और गोलना -गैरखेत झूलापुल

सुष्मिता थापाबागेश्वर । कपकोट- पोलिंग- गेरखेत- हरसिला मोटर मार्ग अपनी बदहाली पर आसूं बहा रहा है। इस मोाटर मार्ग का कटान कार्य वर्ष 2011-12 में…

सुष्मिता थापा
बागेश्वर ।
कपकोट- पोलिंग- गेरखेत- हरसिला मोटर मार्ग अपनी बदहाली पर आसूं बहा रहा है। इस मोाटर मार्ग का कटान कार्य वर्ष 2011-12 में शुरू हुआ था। लेकिन तब से अब तक न तो सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ और न ही इसकी ओर किसी ने मुड़ कर ही देखा। बदहाल सड़क हादसों का सबब बन रही है। कई लोगों की हड्डियां इस सड़क पर टूट चुकी हैं तो कई लोगों की जानें भी हादसों में जा चुकी हैं।


गैरखेत की प्रधान के अनुसार पूर्व विधायक शेर सिंह गड़िया के कार्य काल में 2010 से 2012 तक सड़क का कटान कार्य हुआ और आधी सड़क, एक पुल और दो पुलों का अपरमेंट और कुछ छोटे कलमट का काम पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के कार्यकाल 2014-19 के बीच किया गया। उसके बाद विधायक बलवंत सिंह भौंर्याल के कार्यकाल 2019 से अभी तक एक सलाईडिंग जोन में एक दीवार ही बनी। इसके अलावा दो पुलों के बने बनाये अपरमेंटों स्टील गार्डर पुल से जोड़े गये। इसके अलावा कोई काम नहीं हो सके। ग्रामीणों ने बताया कि अभी सड़क पर जगह जगह सुरक्षा दीवारों का निर्माण और कलमटों और नालियों का निर्माण होना बकी है।
उनका कहना है कि इस सड़क पर एक बार भी सोलिंग नहीं हुयी है डामरीकरण तो दूर की बात है। सड़क में जगह जगह मलवा और गड्ढे पड़े हैं, जिससे वाहन चलाने में तो दूर की बात है पैदल चलने में भी दिक्कत होती है।


ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र की एक और समस्या गोलना -गैरखेत झूलापुल है जो 1996 में बना था। यह पुल अब जर्जर हालत में आ गया है। पुल में बिछे टिन और डामर जगह.जगह क्षतिग्रस्त होने से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग ने यदि समय पर पुल की सुध नहीं ली तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती हैं। ग्रामीणों के अनुसार इस पुल पर 1996 से आज तक कोई मरम्मत कार्य भी नहीं हुआ है। इस कारण ये झूलापुल अपनी प्रारंम्भिक जगह से लगभग 4 से 6 इंच नीचे बैठ गया है।


का कहना है कि इन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने लिखित और मौखिक रूप में लोक निर्माण विभाग से लेकर शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों व मुख्यमन्त्री तक इस समस्या के बारे में अवगत करा दिया गया है। लेकिन अभी तक कहीं से इन दोनों समस्याओ पर कोई कार्यवाही नही की गई है। इससे ग्रामीणों में रोष पनपता जा रहा है।

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