हल्द्वानी। मनसा मानसिक स्वस्थ्य परामर्श केंद्र की संस्थापिका मनोचिकित्सक डा. नेहा शर्मा अब मनोरोग जागरूकता के लिए क्लीनिकल उपचार और सोशल मीडिया के बाद किताबी जागरूकता के मैदान में भी उतर गई हैं। इस कार्य के लिए उन्होंने मासिक पत्रिका क्षितिज के पार को माध्यम बनाया है। दो दिन पहले पुस्तिका का विमोचन हुआ है और इस पत्रिका में उनका लेख मन का रखें ख्याल स्तंभ के अंतरगत खुशियों के साथ जीने का नाम है जिंदगी आवरण कथा के रूप में प्रकाशित हुआ है।
डा. नेहा कहती हैं कि कोरोना से जूझ रही दुनिया को मनोरोगों व अवसाद से बचाने के लिए वे हर माध्यम से प्रयास कर रही है। उन्होंने कोरोना काल में लोगों को आन लाइन भी मानसिक स्वास्थ्य परामर्श देकर खूब चर्चा बटोरी अब वे लेखन के माध्यम से भी लोगों को मानसिक रोगों से संबंधित सुझाव दे रही है। क्षितिज के पार मासिक पत्रिका में डा. नेहा ने लिखे लेख में बताया है कि जीवन की चुनौतियों का स्वाभाविक तौर पर सामना करना चाहिए। उनका कहना है कि समय भले ही चुनौतीपूर्ण है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे पार नहीं पाया जा सकता।
क्षितिज के पार पत्रिका का सूचना उप निदेशक योगेश मिश्रा ने विमोचन किया है जबकि इस पत्रिता का संपादन असलम कोहरा ने किया है। डा. नेहा के अनुसार इस पत्रिका में मनोरोगों की पहेलियों को सुलझाते उनके आलेख लगातार पढ़ने को मिलेंगे। वे कहती हैं कि लोगों का पढ़ाई की ओर रूझान वापस लाने के लिए उनका प्रयास क्या रंग लाएगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन इससे यदि कुछ लोगों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलता है तो वह भी उनकी बड़ी उपलब्धि होगी।