अल्मोड़ा: भौगोलिक, पर्यावरणीय, वैज्ञानिक व ऐतिहासिक गहराईयां समझ छात्र—छात्राएं अभिभूत

— राइंका नाई के बच्चों का दल ने किया पर्यावरण संस्थान व सूर्य मंदिर का अवलोकन सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले के ताकुला ब्लाक अंतर्गत राजकीय…

— राइंका नाई के बच्चों का दल ने किया पर्यावरण संस्थान व सूर्य मंदिर का अवलोकन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले के ताकुला ब्लाक अंतर्गत राजकीय इंटर कालेज नाई की छात्र-छात्राएं विविध वैज्ञानिक तकनीकों समेत भौगोलिक, पर्यावरणीय व ऐतिहासिक तथ्यों से रूबरू होकर अभिभूत हुए। वास्तविकता जानकर काफी उत्साहित हुए बच्चों में वैज्ञानिक सोच जागृत हुई। दरअसल, यह मौका था शैक्षिक भ्रमण का। जिसके तहत अपने शिक्षकों के साथ छात्र—छात्राओं के दल ने सूर्य मंदिर कटारमल व पर्यावरण संस्थान का अवलोकन किया, जहां विविध तथ्य समझे और गतिविधियों का अवलोकन किया।

प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया के निर्देशन में समग्र शिक्षा अभियान के तहत राइंका नाई के नौंवी व 11वीं कक्षा के छात्र—छात्राओं का दल टीम प्रभारी भूगोल प्रवक्ता रमेश सिंह रावत के नेतृत्व में पं. गोविंद वल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी और सूर्य मंदिर कटारमल पहुंचा। हिमालयी पर्यावरण संस्थान में छात्र-छात्राओं ने सूर्यकुंज की जैव-विविधता के विषय में जानकारी प्राप्त की। छात्र- छात्राओं ने सूर्यकुंज में मौजूद बांज, धुनार, हयूटोनिया, थाकल, ईसबगोल, सिलफोड़, बज्रदंती, अकरकारा, उतीस, रिंगाल, सुरई, अश्वगंधा, तिमूर आदि पेड़-पौधों व औषधीय वनस्पतियों को देखा और वैज्ञानिकों व शोधार्थियों से उनकी उपयोगिता की जानकारी ली। वहीं सूर्यकुंज के बाद छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण संस्थान के संकाय एवं प्रशासनिक भवन व प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया। माइक्रोबायलॉजी लैब, जैव विविधता संरक्षण प्रयोगशाला, भूमि एवं जल परीक्षण प्रयोगशाला, केंद्रीय प्रयोगशाला आदि जगहों पर रूचिकर ढंग से मृदा, जल एवं वनस्पतियों के विषय में जानकारियां हासिल की। शोधार्थी पूजा ओली, अंजलि तिवारी, प्रदीप मेहरा आदि ने जानकारी प्रदान की।

इसके बाद छात्र-छात्राओं का दल संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर पहुंचा, जहां उन्होंने ऐंपण, चीड़ की पत्तियों (पिरूल) से तैयार उत्पादों, रिंगाल से बनी वस्तुओं का अवलोकन करने के साथ ही प्रोजेक्ट फाइल के गत्ते बनाने की विधि, मछली उत्पादन की विधि, पॉलीहाउस की कार्यप्रणाली, बायोक्रेटिंग इकाई, बायोब्रिकेट, कूरी घास, काला बाँसा, वर्मी कंपोस्ट बायोडायनामिक कंपोस्ट आदि के विषय में जानकारी प्राप्त की। जहां डॉ. दीपा बिष्ट व डॉ. डीएस बिष्ट ने उन्हें जानकारी दी। अंत में छात्र-छात्राओं ने सूर्य मंदिर कटारमल के दर्शन किए एवं मंदिर की ऐतिहासिकता के विषय में जानकारी प्राप्त की। भ्रमण दल के सदस्यों में गणेश चंद्र शर्मा, डॉ. पवनेश ठकुराठी, अंकित जोशी, सोनम देवी, अजरा परवीन, खुशबू बिष्ट, दीपांशु नयाल, मोहित भण्डारी, विमला अल्मिया, मानसी नयाल आदि शामिल रहे।

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