सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
औषधी निरीक्षक मिनाक्षी बिष्ट ने समस्त दवा विक्रेताओं को किसी भी हाल में एक्सपायरी दवा को नही बेचने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सभी दवा विक्रेता कालातीत दवाओं को एक्सपायरी बॉक्स में रखना सुनिश्चित करें, क्योंकि इसका विक्रय ड्रग मानकों के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
मिनाक्षी बिष्ट ने यहां दवा विक्रेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित बैठक में कहा कि कालातीत दवाओं के प्रतिष्ठान में पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। उन्होंने बताया कि सभी दवा प्रतिष्ठान के संचालक अपनी दुकानों में उपलब्ध दवाओं में यदि कोई दवा एक्सपायरी होने वाली हो तो उसे तुरंत ड्रग एक्ट में निर्देशित दवाओं के कालातीत बॉक्स में रखना सुनिश्चित करें।
औषधी निरीक्षक ने चेताया कि अब समय—समय पर प्रत्येक प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया जायेगा। एक्सपायरी दवाओं का विक्रय अपराध की श्रेणी में आता है, अतएव सभी दवा विक्रेता इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि सामान्यत: यह देखने में आता है कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लोगों के जागरूक न होने के कारण एक्सपायरी दवा कई बार रोगियों को दे दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए संगठन के अध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों को भी पत्र प्रेषित कर दिये गये हैं। उसमें स्पष्ट रूप से यह बताया गया है कि एक्सपायरी दवाओं का नियत बॉक्स अलग से जरूर रखें। औचक निरीक्षण में यदि कालातीत तो विभाग द्वारा प्रतिष्ठान के संचालक के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
ज्ञातव्य हो कि दवाइयों पर लिखे जाने वाले एक्सपायरी डेट का असली मतलब यही होता है कि उस दवा को बनाने वाली कंपनी तय तारीख के बाद उसकी सुरक्षा और प्रभाव की गारंटी नहीं लेगी। इतना ही नहीं, दवा निर्माता किसी भी दवा की बोतल खुलने के बाद उसके प्रभाव की गारंटी नहीं लेते हैं। अतएव इस संबंध में खरीददार को भी जागरूक रहना चाहिए।
बैठक में कैमिस्ट व ड्रगिस्त एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष बीएस मनकोटी, सचिव गिरीश उप्रेती, कोषाध्यक्ष राघव पंत सहित कई पदाधिकारी व दवा विक्रेता मौजूद रहे।