अल्मोड़ा : विकास की राह खोलेगा एसएसजे विवि—डा. जलाल

अल्मोड़ा। शैक्षिक गतिविधियों में खासी रूचि रखने वाले जीआईसी अल्मोड़ा के विज्ञान शिक्षक डा. ललित जलाल ने एसएसजे विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने तथा प्रो.…

अल्मोड़ा। शैक्षिक गतिविधियों में खासी रूचि रखने वाले जीआईसी अल्मोड़ा के विज्ञान शिक्षक डा. ललित जलाल ने एसएसजे विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने तथा प्रो. एनएस भंडारी को प्रथम कुलपति नियुक्त किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि ये निर्णयों को पर्वतीय जिलों के बेहत हितकारी हैं। उन्होंने कहा है कि इससे ​पहाड़ के जिलों में विकास की राह प्रशस्त होगी।
श्री जलाल ने कहा है कि कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से पृथक होकर एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा बना है। इसके साथ ही बागेश्वर व पिथौरागढ़ में स्थित पीजी कालेजों को परिसर बनाने का प्रावधान किया गया है। यदि इन दोनों परिसरों को पूर्ण दर्जा दिया जाता है, तो इससे पर्वतीय की संकल्पना साकार हो पाएगी। इससे पहाड़ के निर्धन एवं मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा नजदीक पर ही उपलब्ध होगी। सभी व्यवस्थाएं पूरी होने के बाद पर्वतीय जिलों में उच्च शिक्षा के पठन—पाठन समेत शोध परियोजनाओं को गति मिलेगी। वहीं पिथौरागढ़ जिले से अंतर्राष्ट्रीय सीमा लगी है। ऐसे में पिथौरागढ़ कालेज में सैन्य विज्ञान में स्नातकोत्तर व शोध कार्यों को बढ़ावा मिलना बेहद लाभदायी होगा। डा. जलाल सुझाव देते हुए कहते हैं कि नये विवि में पहाड़ के अनुरूप दुर्लभ जड़ी—​बूटियों, जनजातीय इतिहास, संस्कृति, कृषि आदि विषयों पर नये पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। इसके अलावा हिमालयन शोध एवं संस्कृति केंद्र भी विवि के अंदर खोला जा सकता है, जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी।

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