- नारेबाजी व धरने से बुलंद की आवाज
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
महिला ग्राम प्रधान विभिन्न योजनाओं से मिलने वाले धनराशि की जानकारी नहीं मिलने से खफा हैं। उन्होंने नारेबाजी के साथ धरना दिया। विधायक, सांसद निधि से होने वाले विकास कार्यों की एमबी कर ही भुगतान करने की मांग की।
बैजनाथ में द हंगर प्रोजेक्ट के तहत महिला ग्राम प्रधानों की कार्यशाला आयोजित हुई। प्रधानों ने कहा कि वह जो भी विकास कार्य करते हैं। उनकी एमबी होती है। कई खामियां भी निकाली जाती हैं। लेकिन विधायक, सांसद निधि से होने वाले निर्माण कार्य में कोई गड़बड़ी अधिकारियों को नहीं दिखाई देती है। इसके अलावा जिला योजना और अन्य विभागों से गांवों में होने वाले विकास कार्यों की जानकारी उन्हें नहीं दी जा रही है। जबकि वह गांव के मुखिया हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए रोजगार सृजन की बात की।
उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है। दाल, आटा, चावल, रसोई गैस समेत अन्य खाद्यान्न महंगे हो गए हैं। जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है। उन्होंने सरकार से महंगाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। उन्होंने विगत तीन वर्षो के विकास कार्यों का लेखा-जोखा रखा। शेष दो वर्ष की योजनाओं पर चर्चा की। इस मौके पर मंजू बोरा, मनीषा आर्य, गंगा ऐठानी, बसंती कपकोटी, तारा दानू, प्रियंका, अनीता रावत समेत छह ग्राम पंचायतों के महिला प्रधान मौजूद थे।