लोहाघाट। कोरोना संक्रमण काल में साफ सफाई का मोर्चा संभाले पर्यवरण मित्रों को सार्वजनिक रूप से तो खूब सम्मान मिल रहा है लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। ऐसा ही एक मामला लोहाघाट में सामने आया जब यहां के एक पर्यावरण मित्र बुद्धिसेन की तबीयात नासाज हो गई और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया। इस संकटकाल में अपना काम न कर पाने की पीड़ा उन्हें बीमारी से ज्यादा सता रही थी। यह बात सामाजिक कार्यकत्री रीता गहतोड़ी को पता चली तो वे बुद्धिसेन के घर जा पहुंची। जहां उन्होंने उन्हें अपने हाथों से दवा पिलाई जब बुद्धिसेन ने उन्हें अपने मन की बात बताई तो रीता और भी भावुक हो गईं। बुद्धिसेन ने बताया कि इस समय उनका साफ सफाई में हिस्सेदारी करना आवश्यक था लेकिन बीमारी के कारण वे घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में रीता ने उन्हें आश्वस्त किया कि यदि वे जल्दी ठीक नहीं हुए तो उनके कार्य क्षेत्र में एसडीएम से इजाजत लेकर वे स्वयं साफ सफाई करेंगी।
आज रीता एसडीएम कार्यालय पहुंची और बुद्धिसेन के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि बुद्धिसेन की बीमारी की वजह से उनके इलाके में साफ सफाई रुकनी नहीं चाहिए अगर एसडीएम इजाजत देंगे तो वे बुद्धिसेन का काम करने को तैयार है। उन्होंने बाजार से दवा खरीद कर बुद्धिसेन के घर भी पहुंचाईं।
शाबाश उत्तराखंड: पर्यावरण मित्र हुआ बीमार तो रीता गहतोड़ी बोलीं— मैं करूंगी उसके स्थान पर काम
लोहाघाट। कोरोना संक्रमण काल में साफ सफाई का मोर्चा संभाले पर्यवरण मित्रों को सार्वजनिक रूप से तो खूब सम्मान मिल रहा है लेकिन व्यक्तिगत रूप…