- पालिका द्वारा दुकानें आवंटित करने से उठे बवाल का पटाक्षेप
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
दुर्गा पूजा महोत्सव स्थल नुमाइशखेत में लगी बाहरी व्यापारियों की दुकानें प्रशासन के निर्णयानुसार रविवार को हटा दी गई हैं। इससे लखनऊ के व्यापारी निराश होकर लौटे हैं। व्यापार मंडल ने उसके विरुद्ध कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें कहा कि लखनऊ के व्यापारी जावेद खान उन पर लेनदेन का आरोप लगाया रहे हैं। जिस पर कार्रवाई की मांग की। दूसरी तरफ नुकसान की बात करते हुए लखनऊ के व्यापारी ने आत्मदाह की धमकी दे दी थी। बाद में मामला शांत हो गया।
नुमाइशखेत में लखनऊ के व्यापारी जावेद हैंडलूम, खादी आदि का व्यापार करने के लिए आए थे। नगरपालिका से उनका अनुबंध हुआ था। पांच हजार रुपये प्रति दुकान का किराया निर्धारित था। उन्हें 40 दुकानें लगानी थी। दुकानों का निर्माण लगभग पूरा हो गया था। वाहनों के जरिए सामान भी यहां पहुंच गया। मगर व्यापार मंडल विरोध में आंदोलन पर उतर आया। इसके चलते तहसील प्रशासन ने दुकानें हटाने का निर्णय लिया, लेकिन बीते देर रात मामले में एक नया मोड़ तब आ गया, जब स्थानीय मीडिया के माध्यम सें लखनऊ के व्यापारी ने बयानबाजी कर दी। जिस पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष कवि जोशी भड़क गए। रविवार को व्यापारी कोतवाली पहुंचे और प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया। लखनऊ के व्यापारी ने माफी मांगी और आपस में समझौता हो गया। वहीं, लखनऊ के व्यापारी जावेद खान ने आत्मदाह की चेतावनी भी वापस ली। उन्होंने कहा कि उनका लगभग साढ़े पांच लाख रुपये का नुकसान हो गया है। बहरहाल, रविवार को नुमाइशखेत में लगी दुकानें हटाई गईं। जिससे मैदान पूरी तरह कीचड़ से सन गया है। सोमवार से यहां रामलीला और दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन होना है।
बाहरी व्यापारियों का होगा विरोध
प्रांतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष कवि जोशी ने कहा कि भविष्य में भी बिना अनुमति के कोई भी बाहर का व्यापारी और ठेकेदार व्यापार की दृष्टि से शहर में आएगा, तो उसका विरोध किया जाएगा। फेरी वालों पर भी रोक लगेगी। यदि कोई फेरीवाला शहर में दिखाई देता है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का निर्णय मान्य
नगर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि तहसील प्रशासन का निर्णय मान्य है। रविवार को पालिका बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। जिसमें देवी पूजा, दुर्गा पूजा और रामलीला के आयोजन को देखते हुए दुकानें आवंटित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। आयोजकों का कहना है कि नुमाइशखेत में दुकानें लगने से स्थान की कमी होगी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखा जाना भी जरूरी था।