सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का ऋषिकेश में निधन हो गया है। वह 94 वर्ष के थे तथा कोरोना संक्रमण की चपेट में आने पर उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था। आज शुक्रवार को उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली।
उल्लेखनीय है कि सुंदरलाल बहुगुणा का राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बड़ा नाम था। 1972 में चिपको आंदोलन में उनकी सबसे बड़ी भूमिका रही थी। वन संरक्षण के लिए उन्होंने काफी कार्य किये थे।
उनके चिपको आंदोलन को पूरे विश्व में सराहा गया था। उत्तराखंड के ज्वलंत मुद्दों से उनका सरोकार रहता था। उत्तराखंड में बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए वह बड़े बांधों के बजाए छोटी-छोटी परियोजनाओं के पक्षधर थे। टिहरी बांध जैसी बड़ी परियोजनाओं का विरोध करते हुए उन्होंने कई आंदोलन भी किये। प्रकृति, वनों, नदियों के संरक्षण के लिए चलाई गई उनकी कई मुहिम आज भी जारी हैं।
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Uttarakhand : सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का निधन, ऋषिकेश में ली अंतिम सांस
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