भर्ती घोटाला : UKSSSC के पूर्व चेयरमैन, सचिव सहित तीन गिरफ्तार

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून UKSSSC की ओर से 2016 में कराई गई VPDO भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के बाद STF ने आज UKSSSC के…

Uttarakhand: सरकार ने UKPSC से UKSSSC को लौटाईं समूह-ग की 12 भर्तियां

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून

UKSSSC की ओर से 2016 में कराई गई VPDO भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के बाद STF ने आज UKSSSC के पूर्व चेयरमैन आरवीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को भी गिरफ्तार कर लिया है। भर्ती परीक्षा प्रकरण में यह बहुत बड़ी कार्रवाई है, जिसकी लंबे समय से जांच चल रही थी।

उल्लेखनीय है कि UKSSSC Recruitment Scams में अब अब तक उत्तराखंड और यूपी के 40 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तार हो चुकी है। ज्ञात रहे कि आयोग की ओर से बीते 06 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई थी। यह परीक्षा सभी 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी। परीक्षा में कुल 87 हजार 196 परीक्षार्थियों ने एक्जाम दिया था और इसका रिजल्ट 30 मार्च 2016 को आया था।

परीक्षा में धांधली की शिकायतों पर प्रदेश सरकार द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति साल 2017 में गठित की गई थी। 2019 में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर विजिलेंस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश के बाद इसी साल अगस्त महीने में विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission द्वारा 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई और यह 06 मार्च 2016 को कुल 13 जिलों के 236 एक्जामनेशन सेंटर में संचालित हुई थी। 30 मार्च 2016 को परीक्षा को इसका रिजल्ट भी आ गया था। जब धांधली की बात सामने आई तो शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई और परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण परिणाम को निरस्त किया गया था।

साल 2019 में Secretary Personnel & Vigilance Section के आदेश पर इस परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई। इसके बाद 2020 में शासन की अनुमति उपरांत अभियोग पंजीकृत कराया गया। 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना Vigilance Establishment Dehradun द्वारा की जा रही थी।

अगस्त 2022 में सीएम के आदेश पर एसटीएफ को विवेचना स्थानांतरित हुई थी। एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई और पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को एफएसएल भेजा गया, जिसमें ओएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी। तब यह साफ हुआ कि परीक्षा से संबंधित OMR Scanning Final रिजल्ट बनाए जाने का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था। यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में तीन आरोपी मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार और राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।

आज शनिवार को एसटीएफ द्वारा तीन बड़ी गिरफ्तारियां कर ली गई हैं। वहीं अब पिछले 07 सालों में करवाई गई भर्तियों में गड़बड़ी के मामले में आयोग के सचिव संतोष बड़ौनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी व तीन अनुभाग अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई हैं। जांच के बाद विजिलेंस ने शासन को पत्र लिखकर पांचों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की शासन से अनुमति मांगी गई है। इसमें कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।

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