अल्मोड़ा: पेयजल संकट को लेकर बिट्टू कर्नाटक गंभीर, सीएम को ज्ञापन भेजा, एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया

अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर व आसपास की पेयजल संकट को लेकर पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक गंभीर हैं। गत दिनों ज्ञापन के जरिये सरकार का ध्यानाकर्षण के…

अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर व आसपास की पेयजल संकट को लेकर पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक गंभीर हैं। गत दिनों ज्ञापन के जरिये सरकार का ध्यानाकर्षण के बाद भी समस्या जस की तस बने रहने से खिन्न होकर उन्होंने शनिवार को पुनः मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है और दो टूक चेतावनी दे डाली है कि एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था में सुधार नहीं आया, तो जनता को साथ लेकर आंदोलन के जरिये सरकार व विभाग के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।
जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में उन्होंने अवगत कराया गया है कि सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के सभी मोहल्ले तथा शहर से जुड़े आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों पेयजल संकट गहराया हुआ है। हालत ये है कि नगर के मोहल्लों में सप्ताह में महज एक-दोे बार पेयजलापूर्ति हो पा रही है और मटमैला होने के कारण पानी पीने योग्य नहीं है। गर्मी-बरसात की शुरूआत में ही पेयजल संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में अल्मोड़ा की पेयजल समस्या एक गंभीर चिन्ता का विषय बन गई है। यदि सरकार व विभाग ने इस मामले पर गम्भीरता से विचार कर समस्या का स्थाई समाधान निकालने का ठोस प्रयास नहीं किया, जिसका खामियाजा नगर व आसपास की बड़ी आबादी को भुगतना पड़ रहा है। स्थिति ये है कि गर्मी में पानी की कमी हो जाती है, तो बरसात में सिल्ट आ जाने से पेयजलापूर्ति बाधित हो जाती है। इस मामले पर जब भी जल संस्थान के अधिकारियों से शिकायत की जाती है, तो अधिकारी कोसी नदी में सिल्ट (गाद) आने से पंप संचालन में व्यवधान आने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। उन्होंने बताया है कि अल्मोड़ा गत अपै्रल 2020 से पानी की गम्भीर समस्या बनी हुई है।
श्री कर्नाटक ने कहा कि आज पानी की कमी के कारण ऐतिहासिक नगर अल्मोड़ा अपना अस्तित्व खोते जा रहा है। एक ओर जनता कोरोना की मार से परेशान है, दूसरी तरफ सुबह से ही पानी के लिए तरस रही है। विभागीय अधिकारी अनियन्त्रित हैं तथा सरकार की कमियां बताकर अपना समय काट रहे हैं। चेतावनी दी है कि यदि यही हालात रहे, तो जनता को साथ लेकर मजबूरन विभाग के खिलाफ उग्र आन्दोलन को विवश होना पड़ेगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार एवं विभाग की होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि लाकडाउन में जनता की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है, ऐसे में विभाग द्वारा पानी के बिल बढ़ी दरों पर वसूले जा रहे हैं। वह भी बिना पानी दिए। रही हैं। जबकि लाकडाउन अवधि का पूर्ण जल मूल्य माफ किया जाना चाहिये था, मगर जनता को कहीं से भी राहत नहीं है। श्री कर्नाटक ने नगर की पेयजल व्यवस्था को सुचारू करने और पर्याप्त व शुद्ध पेयजलापूर्ति के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि तक समस्या दूर नहीं होने पर जन सहयोग से विभाग व सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।

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