बड़ी ख़बर : कल से नही खुल पायेंगे हल्द्वानी के पब्लिक स्कूल, नवरात्रों तक टला फैसला, यह है वजह

सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी
लंबे लॉकडाउन के बाद जहां पूरे प्रदेश में कल यानी 21 सितंबर, मंगलवार से छोटी कक्षाओं के लिए प्रदेश के समस्त पब्लिक स्कूल खुलने का शासनादेश जारी हो चुका है। वहीं कई महत्वपूर्ण कारणों से हल्द्वानी के पब्लिक स्कूल फिलहाल नही खोले जायेंगे।
ज्ञात रहे कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर का सबसे अधिक प्रभाव शिक्षण संस्थानों व स्कूलों पर पड़ा है। जिसका सीधा असर जहां बच्चों की शिक्षा—दिक्षा पर पड़ा है, वहीं स्कूल संचालकों को भी भारी आर्थिक नुकसान से गुजरना पड़ रहा है। हालांकि हाईस्कूल से इंटर तक के सभी स्कूल पूर्व से ही खोल दिये गये हैं, लेकिन कक्षा एक से छह तक के स्कूल खोलने की एसओपी अब जारी हुई है। स्कूल खोले जाने के फैसले से जहां स्कूल प्रबंधकों को बड़ी राहत मिली है, वहीं उन्हें तमाम जरूरी procedure को पूरा करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। News WhatsApp Group Join Click Now
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खंड शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा ने बताया कि सभी स्कूलों को आदेश जारी कर दिए गए हैं, हालांकि स्कूलों में मिड-डे मील नहीं बनेगा। साथ ही सामाजिक दूरी, थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन नियमित रूप से कराना होगा। इधर पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने सरकार की एसओपी के अनुरूप एक दिन में सभी व्यवस्थाएं पूरी करने में असमर्थता जताई है। एसोसिएशन का कहना है कि आपस में बातचीत करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
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पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश भगत ने ‘सीएनई’ को बताया कि सरकार को इसके लिए कम से कम 15 दिन का समय देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बहुत जल्दबाजी में लिया गया है और स्कूल संचालकों को सभी तैयारियां पूरी करने का पर्याप्त समय भी नही मिल पाया है। सारी जरूरी प्रोसेस पूरी करने में 10 से 15 दिन लगेंगे। तभी स्कूल सभी बच्चों के लिए खोले जा सकते हैं।
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इधर देव भूमि व्यापार मंडल शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विकल बवाड़ी ने कहा कि जरूरी प्रक्रिया पूरी करने में स्कूल प्रबंधन को जहां समय लग सकता है, वहीं अभिभावकों को नई व्यवस्था के लिए तैयार होना होगा। उन्होंने कहा कि सम्भावना यही है कि स्कूल अब नवरात्रों तक ही खुल पायेंगे। उल्लेखनीय है कि नवरात्र 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक हैं। अतएव बहुत सम्भव है कि अब अक्टूबर माह में ही खुलने की उम्मीद है। इधर दि मास्टर्स स्कूल के प्रबंधक चंदन रैकवाल ने कहा कि एसओपी का अनुपालन सभी स्कूल प्रबंधकों को करना है। स्कूल आने के लिए बच्चों को बाध्य भी नही किया जा सकता है। साथ ही सभी अभिभावकों के अनुमति फार्म भी बनने हैं। यही कारण है कि स्कूल खुलने में अभी समय लगेगा।
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