जज्बा हो तो बदल सकती है तस्वीर

नैनीताल। जिलाधिकारी सविन बंसल का मानना है कि शिक्षा किसी भी उन्नत राष्ट्र की आधारशिला है। शिक्षा ना सिर्फ व्यक्ति के सर्वार्गींण विकास का माध्यम…

नैनीताल। जिलाधिकारी सविन बंसल का मानना है कि शिक्षा किसी भी उन्नत राष्ट्र की आधारशिला है। शिक्षा ना सिर्फ व्यक्ति के सर्वार्गींण विकास का माध्यम है वरन यह एक विचारशील समुन्नत सांस्कृतिक सभ्य राष्ट्र का निर्माण भी करती है। भारतीय समाज को उसके आदर्शों मूल्य आधारित सामाजिक परम्पराओं संवेदनशीलता सहिष्णुता का विकास करने में सक्षम प्राचीन शिक्षा के कारण ही विश्व गुरू कहे जाने का गौरव प्राप्त रहा है। एक साल के अल्प समय में बंसल ने स्वास्थ्य के साथ ही शिक्षा तरजीह दी तथा जनपद के शहरी इलाकों के अलावा दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित शासकीय विद्यालय की व्यवस्थाओं में सभी आधारभूत सुविधाये पहुंचाई।

उनके प्रयासों से सभी सरकारी विद्यालयों में जो अभूतपूर्व परिवर्तन हुए उसका नतीजा यह रहा है कि इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि बडी और विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ। बंसल के प्रयासों से जिले के विद्यालयों में ग्लोब, एटलस, डिक्शनरी क्रय की गई। प्रत्येक विद्यालयों में महापुरूषों की जीवनियां की पुस्तकों का बच्चे रूचि के साथ अध्ययन कर रहे है। इससे बच्चों में नेतृत्व एवं राष्ट्रीय मूल्यों का विकास सम्भव है। बंसल के प्रयासों से जनपद के समस्त राजकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित किये जानें हेतु प्रत्येक कक्षा-कक्ष में न्यूनतम 10 वाट के दो एलईडी भी लगाये गये है।

बंसल का मानना है कि बच्चों के शारीरिक विकास के लिए अध्ययन के साथ खेल भी जरूरी है। जनपद के विद्यालयों में खेल मैदानों का विकास किया गया है तथा खेल सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है। प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में झूले लगाये गए है तथा माध्यमिक विद्यालयों में बालीबॉल कोर्ट, बास्केटबाल कोर्ट, क्रिकेट प्रेक्टिस विथ नैट का भी निर्माण किया जा रहा है। अध्ययनरत बच्चों में आयरन की कमी ना हो इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में मध्याहन भोजन के तहत सब्जी पकाने के लिए लोहे की कडाईयां उपलब्ध करायी है।

जनसामान्य को अपने बच्चों को राजकीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाये जाने हेतु आकर्षित करने के प्रयास जिलाधिकारी द्वारा किये गये है। स्कूलों में निशुल्क गणवेश, मध्याहन भोजन गतिविधि शिक्षण खेल सामग्री निशुल्क पुस्तकें, पर्याप्त फर्नीचर, अनुभवी शिक्षक, पुस्तकालय जैसी जानकारियां विद्यालय की दीवारों पर सूचना प्रधान पेंटिग्स के माध्यम से दी जा रही है। जिलाधिकारी के दिशा निर्देशन में ई-लर्निंग कक्षाओं के संचालन के लिए डीएम कैम्प हल्द्वानी में ई-लर्निग स्टूडियो की स्थापना की गई है। इस स्टूडियों में अनुभवी अध्यापकों द्वारा ई-कंटैंन्ट तैयार किया जा रहा है।

समग्र शिक्षा विद्यालय अनुदान मद से जिले 75 विद्यालयों द्वारा ई-लर्निंग हेतु स्मार्ट एलईडी टीवी क्रय कर लिये गये है। जिले के प्रत्येक विद्यालय की आवश्कताओं को चिन्हित करते हुए विद्यालय में भौतिक एवं शैक्षणिक परिदृश्य के उन्नयन हेतु उत्कर्ष के प्रयास के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिलाधिकारी बंसल ने जिले के सरकारी स्कूलों हाईटैक एवं सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए लगभग 14 करोड 78 लाख की धनराशि विगत वर्ष स्वीकृत की थी। जिसमें से विद्यालयों के सौन्दर्यीकरण एवं निर्माण कार्यो हेतु 808.249 लाख की धनराशि जारी की है।

जिसमें से कक्षा-कक्षों के लिए 78.50, विज्ञान प्रयोगशालाओं के 225.555, विद्यालय प्रयोगशालाओं के 11 लाख, आर्ट एवं क्राप्ट कक्षों के लिए 221.592 लाख, पुस्तकालय कक्षो के लिए 181.432 लाख, कम्प्यूटर कक्षो के लिए 37.73 लाख, भौतिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए 28.84 लाख, शौचालयों तथा दिव्यांग बच्चों की सुविधा के लिए 23.58 लाख की धनराशि जारी की है।

जिलाधिकारी ने गुजरे समय में जनपद के दुर्गम पहाडी इलाकों में जाकर विद्यालयों को देखा निरीक्षण के दौरान उन्होने बच्चों के सामने ड्रोन का प्रदर्शन कराया तथा डाटा प्रोजेक्टर के माध्यम से फिल्मों एवं शिक्षण सामग्री का प्रदर्शन जब स्क्रिन पर कराया तो बच्चे खुशी से झूम उठे और उन्हें आधुनिकतम नई दुनिया नई तकनीकी का अहसास एवं ज्ञान हुआ। विद्यालयों की बेहतरी एवं शिक्षा के उन्नयन के लिए जिले का शिक्षा विभाग जिलाधिकारी के इस अभियान में पूर्व रूप से पूर्ण निष्ठा के साथ तत्पर है।

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