रंगदारी प्रकरण : गैंगस्टर को मोबाइल देने के आरोपी फार्मासिस्ट की जमानत खारिज

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा अल्मोड़ा जेल से बहुचर्चित रंगदारी प्रकरण के मामले में सत्र न्यायालय ने जेल में बंद गैंगस्टर को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

अल्मोड़ा जेल से बहुचर्चित रंगदारी प्रकरण के मामले में सत्र न्यायालय ने जेल में बंद गैंगस्टर को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के चलते दुष्प्रेषण के अपराधिक षड्यंत्र में लिप्त पाये जाने के आरोपी जेल में कार्यरत फार्मासिस्ट की जमानत खारिज कर दी है।

उल्लेखनीय है कि आरोपी अंकुर चौहान के दुष्प्रेरण के अपराधिक षडयंत्र में शामिल होने के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में अभियुक्त अंकुर चौहान पुत्र राम कुमार चौहान निवासी बोगला, थाना बहादराबाद जिला हरिद्वार हाल नैनाती फार्मासिस्ट जिला कारागार, अल्मोड़ा द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसे आज खारिज कर दिया गया है।

यह थी आपराधिक षड्यंत्र की पूरी कहानी

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को बताया कि गत 04 अक्टूबर, 2021 को जिला कारागार अल्मोड़ा में निरुद्ध बन्दी कलीम अहमद द्वारा जेल परिसर के अन्दर रहकर मोबइल फोन का इस्तेमाल कर फोन के माध्यम से उत्तराखण्ड में व्यापारियों को डरा—धमकाकर अवैध धन वसूली की गोपनीय रिपोर्ट के सन्दर्भ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु 4 टीमों का कठन किया गया। जिसमें निरीक्षक महेन्द्र पाल सिंह प्रभारी कुमायूं परिक्षेत्र, एसटीएफ उत्तराखण्ड के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा एसएसपी अल्मोड़ा से सम्पर्क कर राजपत्रित अधिकारी राजन सिंह रौतेला तथा तहसीलदार मजिस्ट्रेट संजय कुमार के साथ जाकर पुलिस टीम द्वारा जिला मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा के आदोशानुसार जिला कारागार अल्मोड़ा के बैरिक नंबर 7 की तलाशी ली गयी तो वहां बंदी कलीम अहमद के कब्जे से 3 मोबाईल फोन मय 4 सिम व अन्य मोबाइल एसेसीरीज बरामद हुई। अभियुक्त बंदी महिपाल के कब्जे से 1 लाख 29 हजार रूपया भी बरामद हुआ। बैरिक से 38 ग्राम नाजायज चरस भी बरामद हुआ। जिस सन्दर्भ में कोतवाली अल्मोड़ा पर तैनात निरीक्षक महेन्द्र पाल सिंह द्वारा मुकदमा पंजीकृत किया गया तथा उक्त मामले में गढ़वाल परिक्षेत्र में गठित स्पेशल टास्क फोर्सटीम उत्तराखण्ड द्वारा निरीक्षक अबुल कलाम के नेतृत्व में 4 नफर अभियुक्त सद्दाम पुत्र सलीम निवासी कासमपुर थाना पत्थरी जिला हरिद्वार, नदीम पुत्र नसीम निवासी मोहल्ला किला, थाना मंगलौर जिला हरिद्वार तथा अक्षय पुत्र त्रिलोकी चन्द्र निवासी ग्राम बहुरवा थाना मझोलिया, जिला बेतिया पश्चिमी चम्पारन बिहार एवं साहेब कुमार पुत्र लाल बाबू यादव निवासी ग्राम बहुरवा थाना मझोलिया जिला बेतिया पश्चिमी चम्पारन बिहार को 3 तमंचे मय 6 जिन्दा कारतूस, 4 मोबाईल फोन 01 मोटरसाईकिल तथा 15 हजार रूपये नकदी के साथ अन्तर्गत धारा-115/120 बी ताहि व 25 आर्म एक्ट के अन्तर्गत 04 अक्टूबर, 2021 को ही गिरफतार किया गया। जिस संबंध में सुसंगत धाराओं में थाना बहादराबाद जिला हरिद्वार में अभियोग पंजीकृत किया गया।

महिपाल ने बता दी पूरी कहानी

अभियुक्तगण सद्दाम नदीम, अक्षय तथा साहेब सिंह से बरामद मोबाईल फोन के लॉग कॉल तथा उनके व्हाट्सएप में भेजी गयी वीडियो के स्कीन सार्ट सम्बन्धित एसटीएफ टीम द्वारा अवलोकन किया गया तो इनके मोबाईल में उपरोक्त मैसेस नं० 27618265754 तथा 7579628876 द्वारा भेजे जाने की पुष्टि हुई। उपरोक्त दोनों नम्बरों का इस्तेमाल जिला कारागार अल्मोड़ा जनपद अल्मोड़ा निरुद्ध बन्दी कलीम अहमद उपरोक्त द्वारा किया जा रहा था। जिसकी पुष्टि अभियुक्त कलीम से बरामद मोबाईल फोनों तथा उपरोक्त नम्बरों के सीडीआर तथा अभियुक्त कलीम से बरामद मोबाईल फोन की आईएमईआई से स्पष्ट रूप से हो रहा है। अभियुक्त कलीम अहमद तथा महिपाल का दिनांक 08 अक्टूबर, 2021 से पुलिस अभिरक्षा रिमाण्ड प्राप्त कर अभियुक्तगण कलीम अहमद तथा महिपाल से पूछताछ कर उनका बयान अन्तर्गत धारा-161 सीआरपीसी अंकित किया गया। जिसमें अभियुक्त महिपाल द्वारा बताया गया कि कलीम अहमद से बरामद मोबाईल रेडमी 8ए उसके द्वारा करीब 1 वर्ष पहले 50 हजार रूपये नकद देकर अभियुक्त अंकुर चौहान फार्मासिस्ट से मंगवाया गया था, जो अंकुर चौहान ने महिपाल को जेल के अन्दर लाकर दिया था।

अल्मोड़ा की दुकान से गलत नाम से हुई थी मोबाइल खरीद

उक्त मामले में अभियुक्त अंकुर चौहान से इस सन्दर्भ में पूछताछ की गयी तो अभियुक्त अंकुर चौहान के पास उक्त मोबाईल के बिल के फोटोस्टेट प्रति मिली तथा अभियुक्त अंकुर चौहान के बयानों के आधार पर उपरोक्त मोबाईल फोन रेडमी 8ए अंकुर चौहान द्वारा गलत नाम से बिल बनाकर अल्मोड़ा की एक दुकान से क्रय करना पाया गया। जिस पर मुकदमा दायर कर अभियुक्त अंकुर चौहान को अन्तर्गत धारा-115 व 120 बी ताहि के तहत 11 अक्टूबर, 2021 को समय 10:30 बजे गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त की निशानदेही पर मोबाइल विक्रेता के यहां पहुंचकर दुकान स्वामी से पूछताछ की गई। पता चला कि यह मोबाइल 2 नवंबर, 2020 को अंकुर चौहान को विक्रय किया गया तथा दुकान स्वामी द्वारा उक्त तिथि के बिल बुक तलब की गयी तो मोबाईल का बिल क्रमांक संख्या-3279 पर होना पाया गया।

मोबाइल फोन का हो रहा था गलत इस्तेमाल

अभियुक्त बन्दी कलीम द्वारा एक सुनियोजित तरीके से जिला कारागार अल्मोड़ा के अन्दर रहकर मोबाईल फोन का संचालन कर अपने गुर्गों तथा सहयोगियों के माध्यम से एक संगठित गिरोह का संचालन किया जा रहा है। जिसके द्वारा मोबाइल फोनों के माध्यम से उत्तराखण्ड के व्यापारियों तथा आम जनमानस को वीडियो तथा मैसेज कॉल इत्यादि कर अपने गुर्गो व सहयोगियों का इस्तेमाल कर अवैध धन वसूली का दुष्प्रेरण आपराधिक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा था। अभियुक्त अंकुर चौहान जिला कारागार अल्मोड़ा में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत था का दुरूपयोग कर जेल में बंद कैदियों व अभियुक्तगणों का सहयोग कर उन्हें मोबाइल फोन उपलब्ध कराया गया है। अभियुक्त अंकुर चौहान द्वारा मोबाईल फोन का बिल बनवाते समय गलत नाम का इस्तेमाल किया गया, परन्तु जो मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराया गया उसका प्रयोग पूर्व में अभियुक्त अंकुर चौहान द्वारा किया जाना बताया गया।

न्यायालय ने सुनाया फैसला
न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को सुनकर अभियुक्त की जमानत प्रर्थाना पत्र को दिनांक 18-10-2021 को खारिज की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *