बागेश्वरः राष्ट्रपति से मिले जोहार सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति के लोग

जोहार की सांस्कृतिक विरासत के बारे में बताया सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः जोहार सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति के लोग दिल्ली जाकर राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू से मिले।…

राष्ट्रपति से मिले जोहार सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति के लोग

जोहार की सांस्कृतिक विरासत के बारे में बताया

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः जोहार सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति के लोग दिल्ली जाकर राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू से मिले। उन्हें अपनी संस्कृति विरासत के बारे में बताया और जड़ी-बूटी, हस्तशिल्प और हथकरघा के विपणन के लिए बागेश्वर स्थित भोटिया पड़ाव बनखोला भवन और उसकी भूमि को उनके नाम हस्तांतरित करने की मांग की है।

मुख्य संरक्षक गंगा सिंह पांगती के नेतृत्व में समिति लोग दिल्ली गए और राष्ट्रपति से मिले। उन्हें अपनी समस्या का एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि उनकी समिति पंजीकृत है। जो भोटिया जनजाति समुदाय की है। उत्तराखंड सीमांत क्षेत्र में निवास करने वाले भेटिया जनजाति के हम आदिकाल काल से तिब्बत व्यापार व कुटीर उद्योग से अपनी आजीविका चलाते हैं। तिब्बत व्यापार व कुटीर उद्योग के लिए उन्हें अंग्रेजों ने बागेश्वर, हल्द्वानी, रामनगर आदि स्थानों पर भोटिया पड़ाव के नाम से भूमि आवंटित की थी।

19वीं सदी से ही हम इन पड़ावों में पट्टेदार की तरह कब्जेदार है। एटकिंसान के गजेटियर में इसकी पुष्टि की जा सकती है, लेकिन सरकार ने इन स्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने जड़ी-बूटी, हस्तशिल्प तथा हथकरघा के विपणन के लिए बनखोला भवन बागेश्वर व भूमि को जोहार सांस्कृतिक के नाम करने की मांग की है। मांग करने वालों में अध्यक्ष पूजा पांगती, लक्ष्मी धर्मशक्तू, दया रावत, पवन सिंह रावत, खुशाल मर्ताेलिया आदि मौजूद रहे।

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