अल्मोड़ा: सड़क पर उतरे आउटसोर्सिंग कर्मचारी, जोरदार प्रदर्शन

✍️ मेडिकल कालेज के आउटसोर्सिंग कर्मियों का गुस्सा चढ़ा आसमान ✍️ कई दिनों से चल रही हड़ताल से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराई सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा:…

अल्मोड़ा: सड़क पर उतरे आउटसोर्सिंग कर्मचारी, जोरदार प्रदर्शन

✍️ मेडिकल कालेज के आउटसोर्सिंग कर्मियों का गुस्सा चढ़ा आसमान
✍️ कई दिनों से चल रही हड़ताल से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराई

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: पिछले कुछ दिनों से हड़ताल पर चल रहे मेडिकल कालेज अल्मोड़ा के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का गुस्सा आज आसमान चढ़ गया। कई दिनों से मेडिकल कालेज परिसर में हो रहा प्रदर्शन आज सड़क पर उतर आया। उन्होंने माल रोड में नारेबाजी के साथ अपनी आवाज बुलंद की। वजह यह है कि लगातार उनसे काम​ लिया जा रहा है, इसके बावजूद उन्हें गत करीब 04 महीनों से वेतन के लाले पड़े हैं। जिससे उनके समक्ष परिवार के भरण—पोषण का संकट पैदा हो गया है। वेतन भुगतान व पद स्वीकृत करने की मांग को लेकर उन्हें मजबूरन हड़ताल पर उतरना पड़ा है। इस हड़ताल से मेडिकल कालेज में सफाई व ओपीडी समेत तमाम व्यवस्थाएं बुरी तरह चरमराई हुई हैं।

कुछ दिनों से कार्य बहिष्कार पर चल रहे मेडिकल कालेज अल्म़ोड़ा के आउटसोर्सिंग कर्मचारी आज सड़क पर उतर आए। उन्होंने लंबित वेतन के भुगतान एवं पद सृजित करने की मांग को लेकर माल रोड में शिखर तिराहे से चौघानपाटा तक जुलूस निकाला। इस दौरान प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य मंत्री के​ खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद गांधी पार्क में सभा की। जिसमें आंदोलित कर्मचारियों ने कहा कि वे कोरोनाकाल से लगातार काम कर रहे हैं और लगातार काम लिया जा रहा है। हाल तक निर्धारित वेतन भी मिल रहा था। लेकिन बाद में अचानक वेतन रोक दिया गया। पिछले करीब 4 महीनों से वेतन नहीं मिला। वेतन नहीं मिलने से उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहीं भविष्य की​ चिंता सता रही है।

उन्होंने कहा कि जब उन्हें काम पर रखा गया, तब ये नहीं बताया कि वहां उनके पद स्वीकृत नहीं हैं। यह बात उन्हें तब चला चली, जब उनका वेतन रोका गया। अब उन्हें मजबूरन आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है। उन्होंने दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द उनका रुका वेतन नहीं मिला और सरकार ने पद सृजित नहीं किए, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। दूसरी तरफ हड़ताल का अस्पताल की व्यवस्थाओं पर बुरा असर पड़ा है। मेडिकल कालेज में सफाई, ओपीडी, आपरेशन, विविध जांचें व विलिंग आदि का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो चला है। विनोद कनवाल, सूरज, ​रीता, संजय, प्राची, नीरज, विवेक, गोपाल समेत दर्जनों आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल रहे।


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