बोले-अन्य कर्मचारी संगठनों का साथ लेकर होगा पुरजोर विरोध
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
वेतन डाउनग्रेड करने के फैसला अब कार्मिकों के आक्रोश की वजह बन रही है। इस फैसले पर डिप्लोमा फार्मासिस्टों ने आंखें तरेरी हैं। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा ने वचुअली बैठक कर इस फैसले की कड़ी भत्र्सना की है और दो टूक चेतावनी दी है कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया, तो अन्य कर्मचारी संगठनों को लामबंद कर इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने संगठन प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य के फार्मासिस्टों को तत्कालीन सरकार ने राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और फार्मासिस्टों के वृहद कार्यक्षेत्र को ध्यान में रखते हुए वेतनमान निर्धारित किया था, किंतु अब नई सरकार राज्य के फार्मासिस्टों के कार्यों व विषम परिस्थितियों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र के फार्मासिस्ट केवल दवा व दवा स्टोर तक सीमित हैं, लेकिन राज्य के फार्मासिस्टों का कार्यक्षेत्र अधिक है। इसके बावजूद केंद्र के फार्मासिस्टों से तुलना कर राज्य सरकार कर्मचारी विरोधी कदम उठा रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
वक्ताओं ने कहा कि वेतन डाउनग्रेड करने का निर्णय अन्यायपूर्ण है। जिसका अन्य संगठनों को साथ लेकर उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन पुरजोर विरोध करेगा और प्रांतीय संगठन के निर्देश पर फार्मासिस्ट किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। बैठक में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डीके जोशी, कार्यकारी अध्यक्ष जीएस कोरंगा, प्रांतीय उपाध्यक्ष जीएस मेहता, जनपद मंत्री रजनीश जोशी, बीएस देवली, एमसी अधिकारी, जेपीएस मनराल, आनंद पाटनी, कैलाश पपनै, जितेंद्र देवड़ी समेत कई फार्मासिस्ट शामिल रहे।